
अलीगढ़ विकास प्राधिकरण
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अलीगढ़ विकास प्राधिकरण (एडीए) महायोजना-2031 के तहत शहर के आठ किलोमीटर के दायरे में आने वाले 407 गांवों में सुनियोजित विकास कराएगा। इन गांवों के लोगों को भू-उपयोग के अनुसार ही अपने भवन निर्माण कराने से पहले मानचित्र स्वीकृत कराना होगा।
पहली बार वर्ष 1980 से 2001 के बीच महायोजना लागू हुई। इसका नाम महायोजना-2001 रखा गया। इसमें नगर पालिका अलीगढ़ (उस वक्त नगर निगम नहीं बना था) के साथ ही शहर के आठ किलोमीटर के दायरे वाले 203 गांव व हरदुआगंज नगर पंचायत को शामिल किया गया। वर्ष 2001 से 2021 के बीच दूसरी महायोजना लागू हुई। अब तीसरी महायोजना 2031 लागू हो चुकी है। इस बीच लागू हुई तीन महायोजनाओं में जिला पंचायत के दखल के कारण एडीए इन गांवों में कई काम नहीं करा पाया था, लेकिन इस बार यह समस्या दूर हो चुकी है।
एडीए उपाध्यक्ष अपूर्वा दुबे ने बताया कि पहली बार महायोजना में 407 गांव नियोजित किए गए हैं। यहां सुनियोजित विकास हो सकेगा। यहां के लोगों को अब भू-उपयोग के अनुसार ही भवन आदि का मानचित्र स्वीकृत कराना होगा। उन्होंने कहा कि रामघाट रोड पर अब तक एक पट्टी व्यवसायिक ( एडीए कार्यालय की ओर) व दूसरी आवासीय (ओएलएफ की ओर) थी।
इस वजह से विपरीत भू-उपयोग के लिए एडीए से मानचित्र स्वीकृत ही नहीं कराया जा सकता था। पूर्व में काफी अवैध निर्माण इसी कारण से हो गए थे। अब नई महायोजना में मिश्रित भू-उपयोग होने से पुराने निर्माण के नक्शे भी स्वीकृत हो सकेंगे। बाजार स्ट्रीट योजना के लिए न्यूनतम 24 मीटर चौड़ा रोड अनुमन्य होता है, लेकिन अलीगढ़ में 18 मीटर चौड़ा रोड अनुमन्य किया गया है।