
Footwear Expo 2024
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा के सींगना स्थित ट्रेड सेंटर में चल रहे फुटवियर एक्सपो 2024 में शनिवार को दूसरे दिन 3000 से अधिक आगंतुक आए। श्रीलंका व नेपाल से खरीदार पहुंचे। 150 से अधिक कंपनियों ने यहां प्रदर्शनी लगाई है। जिसमें देसी-विदेशी ब्रांड के फुटवियर से लेकर कंपोनेंट, मशीनरी तक है। एक्सपो में चिंता जताई गई कि आगरा जूता उद्योग में विश्व प्रसिद्ध है, इसके बाद भी यहां से एक भी ब्रांड नहीं बना।
इंडियन फुटवियर डेवलपमेंट काउंसिल (आईएफडीसी) ने पहली बार कंपलीट फुटवियर एक्सपो लगाया है। बायर टू बायर थीम पर तीन दिवसीय एक्सपो लगा है।
भारतीय ब्रांड से लेकर पैकेजिंग सोल्यूशन, लेदर की जगह लेने वाले फैब्रिक्स, सीलिंग एडेड, बैग, पर्स आदि के प्रति आगंतुकों में आकर्षण रहा। श्रीलंका से आए डेनिस ने बताया कि भारत में आगरा जूते का सबसे बड़ा हब है। यहां शू डिजाइन के नए टिप्स देखने और समझने को मिले हैं।
केके मिश्रा ने बताया कि घरेलू उत्पादकों के साथ दिल्ली, महाराष्ट्र से निर्यातक भी आए हैं। री-साइकिल होने वाले ईको फ्रेंडली फुटवियर बॉक्स एक्सपो में काफी पसंद किए गए।
नजर में चढ़ना है तो बनाएं ब्रांड
तकनीकी सत्र में ब्रांडिंग पर मंथन हुआ। सीएस अनुज अशाेक और नीतू अग्रवाल ने कहा कि उत्पाद कितना ही गुणवत्ता वाला क्यों न हो, जब तक वो ब्रांड नहीं बनता लोगों की नजर में नहीं चढ़ता। विडंबना है कि आगरा जूता उद्योग में विश्व प्रसिद्ध है लेकिन, यहां से एक भी ब्रांड नहीं बना। यहां लोग ट्रेड मार्क का महत्व नहीं समझते। सीए देवेश अग्रवाल ने वित्तीय विश्लेषण प्रस्तुत किया। बिल गेट्स की सहयोगी संस्था पीएसआई के सीनियर डायरेक्टर प्रोग्राम रवि सुबैया ने कर्मचारी वेलफेयर से जुड़ी योजनाएं बताईं।
काली प्रताप रॉय ने स्वास्थ्य बीमा के बारे में बताया। एमएसएमई के सुशील यादव ने कहा कि फुटवियर इंडस्ट्री भी लघु उद्योग की श्रेणी में आती है। सरकार तमाम सुविधाएं दे रही है। लघु उद्योग भारती के प्रदेश सचिव मनीष अग्रवाल ने कहा कि ब्रांड बनाने के लिए उद्यमियों को ट्रेडमार्क के प्रति जागरूक होना पड़ेगा। आईएफडीसी के सीईओ शिव नौपुत्रा, एटीसी प्रभारी चंद्रशेखर ने भी विचार व्यक्त किए।