गौरीगंज (अमेठी)। एसओजी प्रभारी समेत कई पुलिस कर्मियों पर केस न दर्ज करने के मामले में कोर्ट ने गौरीगंज कोतवाल के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार किया है। कोर्ट ने गौरीगंज कोतवाल को 13 मई को व्यक्तिगत तलब किया है।

मुसाफिरखाना थाना क्षेत्र के चकबहोर निवासी मनीष सिंह उर्फ सत्यवान के अनुसार, करीब छह माह पूर्व वे अपने बड़े भाई आशीष सिंह व भांजे अस्मित सिंह के साथ मुर्गी फार्म पर बैठकर आपस में बातें कर रहे थे। इसी बीच एक लग्जरी जीप व एक बाइक उनके पास रुकी। वाहनों से छह लोग सादी वर्दी में उतरे और मनीष को थप्पड़ मारते हुए गाड़ी में बैठा लिया। गाड़ी में एक युवक ने स्वयं को एसओजी प्रभारी धीरेंद्र वर्मा बताते हुए धमकाना शुरू किया। धीरेंद्र वर्मा ने उसके भाई आशीष सिंह व भांजे अस्मत सिंह को भी गाली देते हुए गाड़ी में बिठा लिया और एक लाख रुपये की मांग की। न देने पर भविष्य बर्बाद कर देने की धमकी भी दी। हालांकि बाद में पुलिस ने आशीष सिंह और भांजे अस्मित सिंह को छोड़ दिया। आरोप है कि बाद में उसे 10 माह पहले हुई अज्ञात चोरी के मुकदमे में झूठा फंसाकर जेल भेज दिया।

मनीष के अनुसार, जेल से छूटने के बाद उसने आरोपी एसओजी प्रभारी के अलावा उप निरीक्षक आशीष कुमार, शिव बक्स सिंह व विनय कुमार गौतम, हेड कांस्टेबल मतलूब अहमद तथा कांस्टेबल नरेंद्र मिश्र, कपिल सिंह, शिवराम, जितेंद्र कुमार कांस्टेबल सचिन प्रजापति, शिवम सिंह राठौर एवं पीआरडी चालक इंद्रजीत यादव के खिलाफ तहरीर दी लेकिन केस नहीं दर्ज किया गया।



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