संवाद न्यूज एजेंसी गौरीगंज (अमेठी)। मतदेय स्थलों को बनाने में प्रशासन की ओर से बड़ी लापारवाही की गई है। जिला मुख्यालय की नगर पालिका में एक मतदान केंद्र पर छह वार्डों के मतदाताओं का मतदेय स्थल बनाया है। कई मतदान केंद्रों पर भवन व शौचालय जर्जर अवस्था में हैं।

जिले के नगर पालिका जायस, गौरीगंज व नगर पंचायत अमेठी, मुसाफिरखाना निकायों में 11 मई को होने वाले मतदान को लेकर प्रशासन की तैयारियां चल रही है। नगर पालिका गौरीगंज में 25 वार्ड बनाए गए हैं। निकाय चुनाव में 13 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इनमें जीजीआईसी मतदान केंद्र पर सबसे अधिक छह वार्डों के 7,140 मतदाता एक ही परिसर में आठ मतदेय स्थल बनाया गया है। प्रशासन ने मतदेय स्थलों को बनाने में मनमानी की है।

राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में पढने वाली छात्राओं के परीक्षा से जुड़े अभिलेख एक कक्ष की आलमारियों में रखा हुआ है। प्रशासन ने मतदेय स्थल बना दिया है। शिक्षिकाओं के स्टाफ कक्ष को भी मतदेय स्थल चिन्हित किया है। इन दोनों मतदेय स्थलों में एक ही दरवाजा है। जबकि आयोग के नियमानुसार मतदान कक्ष में दो दरवाजे होने चाहिए। दोनों मतदेय स्थलों पर रैंप तक नहीं है। परिसर में एक हैंडपंप होने से पेयजल की व्यवस्था भी बड़ी चुनौती है। समय रहते अगर अव्यवस्थाओं को दूर नहीं किया गया, तो मतदाताओं को समस्याओं से जूझना पड़ेगा।

मतदान केंद्र – शामिल वार्ड – मतदाता संख्या जीजीआईसी – 1, 8, 13, 18, 21, 23 – 7140

प्रावि विशुनदासपुर – 2 व 6 – 1932

प्रावि पचेहरी – 3 व 5 – 2429

प्रावि बरनाटीकर – 7 व 11 – 1649

प्रावि मिश्रौली – 9 व 19 – 1827

प्रावि हरखपुर – 10 व 14 – 1934

प्रावि कटरालालगंज – 17, 22 व 25 – 2871

उप्रावि मिश्रौली – 24 – 1483

उप्रावि बरनाटीकर – 4 – 1158

प्रावि राजगढ़ – 12 – 1340 वीआरसी गौरीगंज – 16 – 1619

प्रावि असैदापुर – 15 – 936

कुल – 25 वार्ड – 27161

बदहाल है बीआरसी मतदान केंद्र

गौरीगंज में निकाय चुनाव को लेकर कुल 13 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इनमें सबसे बदहाल बीआरसी मतदान केंद्र है। मतदान केंद्र पर दो कक्षों में वोट डाले जाएंगे। भवन के साथ ही परिसर स्थित शौचालय जर्जर अवस्था में है। सकरे रास्ते से होकर मतदाता मतदेय स्थल तक पहुंच सकेंगे। प्राथमिक विद्यालय मिश्रौली में बृहस्पतिवार को भवन का रंगरोगन चल रहा था। खिड़कियों के पल्ले दुरुस्त कराए जा रहे थे। उप्रावि मिश्रौली मतदान केंद्र पर पिछले एक सप्ताह से हैंडपंप खराब पड़ा था। अफसरों ने हैंडपंप नहीं सही कराया। बृहस्पतिवार को इंचार्ज प्रधानाध्यापक स्वयं के खर्च पर हैंडपंप ठीक कराते दिखे।



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