लखनऊ में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री राधा मोहन दास अग्रवाल ने शनिवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्तियों के लिए मुतवल्ली बनाए गए अधिकांश लोग मालिक बन गए। सच्चर कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि वक्फ संपत्तियां अल्लाह को दी गई हैं। ये कभी बेची नहीं जा सकतीं, ना उनके स्वरूप में बदलाव किया जा सकता है।
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इसके बाद भी मुतवल्लियों ने वक्फ संपत्तियों पर या तो अपना नाम चढ़ा लिया या अपने परिवार व नजदीकी लोगों के नाम चढ़वा दिए। स्थिति यह है कि जिन संपत्तियों का किराया एक लाख हो सकता था, उन्हें 5000 के किराये पर दे दिया। कुछ राशि काले धन के रूप में चुपचाप ले ली गई। इस मौके पर उन्होंने सच्चर कमेटी द्वारा वक्फ संपत्तियों के बारे में दी गई रिपोर्ट के कुछ बिंदुओं की भी जानकारी दी।
देश में चार लाख 50 हजार वक्फ संपत्तियां हैं
उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में चार लाख 50 हजार वक्फ संपत्तियां हैं, जिसमें वक्फ जमीन का कुल रकबा छह लाख एकड़ है। अगर इनका उपयोग ठीक से किया जाता है तो 10 प्रतिशत के हिसाब से सालाना 12 हजार करोड़ रुपये की आय होती। लेकिन, मौजूदा समय में सिर्फ 163 करोड़ रुपये की आय हो रही है।
गरीब मुसलमानों के जीवन को बेहतर बनाने का भी सुझाव दिया
उन्होंने कहा कि सच्चर कमेटी ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार से मुतवल्लियों और भ्रष्ट अधिकारियों को निलंबित करने के साथ ही संपत्तियों को कब्जा से मुक्त कराने, राष्ट्रीय स्तर पर एक कॉर्पोरेशन बनाने और वक्फ संपत्तियों का सदुपयोग करके गरीब मुसलमानों के जीवन को बेहतर बनाने का भी सुझाव दिया था।
आगे कहा कि 2004-2014 तक देश की सत्ता संभालने वाली कांग्रेस सरकार ने सच्चर कमेटी की रिपोर्ट मानने की बात तो दूर, 2013 में इस वक्फ अधिनियम में एक नया संशोधन कर दिया और वक्फ संपत्तियों की लूट को और छूट दे दी।