Committees locked, farmers deprived of fertilizer

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कासगंज। जिले में सहकारी समितियों पर ताले लटके हुए हैं। परिणास्वरूप किसानों को डीएपी के लाले पड़ रहे हैं। उन्हें अनेकों चक्कर लगाने के बाद भी खाद नहीं मिल पा रही। आलू, सरसों की फसल की बुवाई पिछड़ने की चिंता ने उन्हें परेशान कर दिया है। उनका कहना है कि डीएपी नहीं मिलने से फसल की बुवाई पिछड़ रही है जिससे उन्हें भविष्य में काफी नुकसान हो सकता है। जिले में 40 सहकारी समिति तथा दो इफको केंद्र संचालित हो रहे हैं। समितियों पर मिलने वाली डीएपी की अपेक्षा बाजार में मिलने वाली डीएपी के कट्टे की कीमतों में 300 रुपये से अधिक का अंतर है। इससे किसान का रुझान समितियों से खाद खरीदने पर रहता है, लेकिन समितियां किसान को पर्याप्त खाद की आपूर्ति नहीं कर पा रही। इस समय आलू व सरसों की फसल की बुवाई का सीजन चल रहा है। इन फसलों की बुवाई नवंबर के प्रथम सप्ताह तक होती है। बुवाई के सीजन में लगभग एक पखवाड़े का समय रह गया है। समितियों के लिए जो खाद भेजी जाती है। वह एक दिन में ही समाप्त हो जाती है। इसके बाद कई दिन तक सप्लाई नहीं मिल पाती। कासगंज में संचालित सहकारी क्रय विक्रय समिति पर एक सप्ताह से डीएपी नहीं है। इस केंद्र पर एनपीके है, लेकिन किसान इसे लेना नहीं चाहता। इसी तरह ब्लॉक परिसर में संचालित बी-पैक्स सहकारी समिति में तीन दिन से खाद नहीं हैं। इससे किसान काफी परेशान है।

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