इटावा। सुंदरपुर मोड़ के पास से निकले कानपुर-आगरा हाईवे किनारे सर्विस रोड का निर्माण आचार संहिता में फंस गया है। करीब चार महीने तक लोगों को इसके लिए इंतजार करना होगा।

शहर में सुंदरपुर मोड़ के पास से कानपुर-आगरा नेशनल हाईवे निकाला हुआ है। यहां हाईवे किनारे बड़ी संख्या में घर, मैरिज होम, अस्पताल आदि बने हैं। इसके साथ सुंदरपुर गांव समेत आसपास करीब आठ मोहल्ले व कॉलोनियां बनी हैं। नेशनल हाईवे के चौड़ीकरण के समय आईटीआई से सुंदरपुर मोड़ तक पांच किलोमीटर के दायरे में सर्विस रोड बनाने का दावा किया गया था।

मार्च 2020 में इसका काम भी शुरू हुआ था, लेकिन सिर्फ तीन किलोमीटर तक ही सर्विस रोड का निर्माण हो सका था। ऐसे में सुंदरपुर मोड़ के पास से करीब दो किलोमीटर की सड़क बनना अभी शेष है। सड़क न बनने से चार साल से हाईवे किनारे रहने वाले लोगों के साथ आसपास के गांव और मोहल्लों की करीब 20 हजार की आबादी परेशान है।

लोगों को कच्चे रास्ते से होकर या पांच किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाकर आईटीआई तक जाना पड़ता है। चार साल से क्षेत्र के लोग इस सर्विस रोड को बनवाने की मांग कर रहे हैं। आचार संहिता लागू होने से कुछ समय पहले एनएचएआई ने इस सर्विस रोड के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा था। इसे स्वीकृति मिल पाती इससे पहले आचार संहिता लागू हो गई। अब आचार संहिता के बाद ही इसे स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। ऐसे में अभी करीब चार महीने और लोगों को इंतजार करना होगा।

सुंदरपुर स्थित गेट बंद कॉलोनी निवासी दीपक कुमार ने बताया कि वह 2019 में यहां रहने के लिए आए थे। 2020 में यहां सर्विस रोड बनने की बात सामने आ रही थी, लेकिन तब से अभी तक सड़क नहीं बन सकी है। आईटीआई तक जाने के लिए सर्विस रोड से जो दूरी पांच किलोमीटर से भी कम की है वह घूमकर जाने में करीब 10 किलोमीटर की है। कई बार शिकायत के बाद भी समाधान नहीं हो सका।

सुंदरपुर मोड़ निवासी शिव प्रकाश चौधरी ने बताया कि उनका घर हाईवे के किनारे है। कानपुर-आगरा नेशनल हाईवे के चौड़ीकरण के समय सर्विस रोड बनाने की बात कही गई थी, पर आज तक सर्विस रोड नहीं बन सकी। घर के सामने कच्चा रास्ता मुसीबत बना हुआ है। बारिश के दिनों में तो पानी भर जानने से स्थिति और ज्यादा खराब हो जाती है। कई बार गुहार लगाने के बाद भी सर्विस रोड नहीं बन सकी है।

सर्विस रोड निर्माण के लिए एनएचएआई अधिकारियों से जानकारी ली गई है। उनके अनुसार प्रस्ताव भेज दिया गया है। आचार संहिता के कारण स्वीकृति नहीं मिल सकी है। काम पूरा होने में करीब चार महीने का वक्त लगेगा।

– अभिनव रंजन श्रीवास्तव, एडीएम



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