बसपा सुप्रीमो मायावती ने मांग की है कि अलग-अलग विभागों के तबादले में हो रहे भ्रष्टाचार की विजिलेंस और एसआईटी का गठन कर जांच की जानी चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
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बसपा सुप्रीमो मायावती ने मांग की है कि अलग-अलग विभागों के तबादले में हो रहे भ्रष्टाचार की विजिलेंस और एसआईटी का गठन कर जांच की जानी चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
उन्होंने सोशल साइट एक्स पर बयान जारी कर कहा कि देश के अधिकतर प्रदेशों की तरह यूपी में भी हर स्तर पर सरकारी कार्यकलापों के साथ ही विभिन्न विभागों में भ्रष्टाचार और हिस्सेदारी के आरोपों से घिरे तबादलों की अनवरत आम चर्चा होती है। ऐसी खबरों का मुख्यमंत्री को कड़ा संज्ञान लेकर ना सिर्फ भ्रष्टाचार निरोधक विजिलेंस विभाग आदि को सक्रिय करना चाहिए बल्कि समयबद्ध एसआईटी का भी गठन करके व्यवस्था में आवश्यक सुधार करना जन व देशहित में जरूरी है। सरकारी भ्रष्टाचार व अफसरों की द्वेषपूर्ण मनमानी पर यूपी सीएम जितना जल्द सख्त कदम उठाए उतना बेहतर है।
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देश के अधिकतर प्रदेशों की तरह यूपी में भी हर स्तर पर सरकारी कार्यकलापों के साथ ही विभिन्न विभागों में भ्रष्टाचार और हिस्सेदारी के आरोपों से घिरे तबादलों की अनवरत आम चर्चा व ख़बरों का मा. मुख्यमंत्री को कड़ा संज्ञान लेकर ना सिर्फ भ्रष्टाचार निरोधक विजिलेन्स विभाग आदि को सक्रिय…
— Mayawati (@Mayawati) June 20, 2025
बता दें कि स्टांप एवं पंजीयन विभाग में हुए तबादलों में बड़े पैमाने पर पैसे के लेनदेन की शिकायत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ी कार्रवाई करते हुए महानिरीक्षक निबंधक (आईजी स्टांप) समीर वर्मा को हटाकर प्रतिक्षारत कर दिया है। साथ ही उनके द्वारा किए गए सभी 210 तबादलों को भी रद्द कर दिया है। मुख्यमंत्री ने यह कार्रवाई स्टांप एवं पंजीयन राज्यमंत्री रवींद्र जायसवाल की शिकायत पर की है। जायसवाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आईजी स्टांप द्वारा किए गए तबादलों में भ्रष्टाचार की शिकायत की थी। सीएम ने मामले की जांच कराने के भी आदेश दिए हैं।