{“_id”:”67849207f51df4b526002bca”,”slug”:”crackdown-on-sellers-of-chinese-manjha-stf-also-deployed-policeman-neck-was-cut-by-chinese-string-died-2025-01-13″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”UP: ‘मौत’ की डोर के विक्रेताओं पर शिकंजा, एसटीएफ भी लगी…चीनी मांझे से कट गई थी सिपाही की गर्दन, चली गई जान”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
मांझा – फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
विस्तार
शाहजहांपुर में चीनी मांझे से गर्दन कट जाने से सिपाही की माैत हुई। इसके बाद प्रदेश में अलर्ट कर दिया गया है। आगरा के हर थाने में एक टीम गठित की गई है। वहीं एसटीएफ भी अपने स्तर से लगी है। मांझे की सप्लाई राजस्थान के भरतपुर और जयपुर से होने की जानकारी मिली है।
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डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि चीनी मांझा कांच और प्लास्टिक के धागे के इस्तेमाल से बनाया जाता है। यह अगर एक बार गर्दन में फंस जाए तो जान चली जाती है। शाहजहांपुर में हादसे के बाद कमिश्नरेट में भी अलर्ट किया गया है। हर थाने में दरोगा और सिपाहियों की टीम बनाई गई है। ये टीमें अपने क्षेत्र के बाजार में मकर संक्रांति से पहले मांझा की बिक्री करने वालों पर नजर रखेगी। अगर, कोई दुकानदार मांझे की बिक्री करते पकड़ा जाता है, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह मांझा प्रतिबंधित है।
बरेली के मांझे की मांग अधिक
काला महल के पतंग विक्रेता इमरान ने बताया कि चीनी मांझा प्लास्टिक का होता है। इसकी धार भी अधिक होती है। हाथ से पकड़ने पर भी कट जाते हैं। गर्दन भी आसानी से कट जाती है। अब बाजार में बरेली का धागे वाला मांझा बेचा जा रहा है। इसमें कई तरह की क्वालिटी होती हैं। इसमें कांच का प्रयोग भी नहीं किया जाता है। इनका इस्तेमाल लोग ज्यादा कर रहे हैं। पतंगबाजी का शाैक रखने वालों के लिए 30 नंबर धागा पतंग उड़ाने में सबसे अहम रहता है। एक चरखी की कीमत 125 से लेकर 300 रुपये तक होती है। क्वालिटी के हिसाब से धागा होता है।