शिल्प, कला और संगीत के महोत्सव में शनिवार को लोकनृत्य, लोकसंगीत की धूम रही। पूर्वी भारत के छऊ लोकनृत्य से लेकर उत्तरी कश्मीर के लोकनृत्य तक की झलक ताज महोत्सव में शिल्पग्राम के मुक्ताकाशीय मंच पर नजर आई। वहीं, महाकाल का नाम और शिव की शक्ति कथक बैले के रूप में प्रस्तुत की गई। बालीवुड गायक बृजेश सांडिल्य ने देर रात तक अपनी फिल्मों के गीतों पर दर्शकों को झूमने का मजबूर कर दिया।
प्रो. जयंत ने महाकाल पर शास्त्रीय नृत्य पेश किया, वहीं प्रयागराज से आईं दीपशिखा गौरी ने डेढि़या लोकनृत्य की प्रस्तुति दी। प्रयागराज से ही आईं अपराजिता पटेल ने शिवशक्ति कथक बैले की प्रस्तुति दी। कश्मीर के फोकशाह गुलस्तान थियेटर ने कश्मीरी लोकनृत्य और गायन पेश किया।
इसके बाद रात 10 बजे केजीएफ, गोलमाल, बधाई हो, तनु वेड्स मनु जैसी फिल्मों के पार्श्व गायक बृजेश सांडिल्य ने एक के बाद एक अपनी फिल्मों के गीत गाए। इनमें राकेट सैंया, मुश्किल है अपना मेल प्रिये, सुल्तान, गोलमान अगेन, सरैनोडु, हुरियां, मेरा नचन तूं आदि गीत पेश किए।
पर्णिका ने पेश किया कथक
लखनऊ की कक्षा नाै की छात्रा पर्णिका श्रीवास्तव ने ताज महोत्सव में आई लव आगरा सेल्फी पाॅइंट पर कथक की प्रस्तुति दी। अंतरराष्ट्रीय कथक गुरु डॉ. आकांक्षा श्रीवास्तव के निर्देशन में कथक नृत्य में विशारद कर चुकीं पर्णिका को बाल प्रतिभा सम्मान से नवाजा जा चुका है। मंच पर उनके साथ वरदा मल्होत्रा, वंशिका शर्मा, निखिल ने कथक की प्रस्तुति दी। अंशु सक्सेना ने यहां कथक, अदिति शर्मा ने बैले, रंजना मिश्रा और सुभाशीष आचार्य ने प्रस्तुति दीं।