DSC of 40 Gram Panchayats had been closed by DPRO

रिश्वत लेते पकड़ी गईं डीपीआरओ किरन चाैधरी व जांच करती विजिलेंस की टीम।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

विस्तार


ग्राम पंचायतों में होने वाले विकास कार्यों की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन हो चुकी है। ऑनलाइन ही कार्ययोजना तैयार करने के बाद कार्य कराए जाते हैं। कार्य कराने के बाद प्रधान और सचिव दोनों के द्वारा संयुक्त रूप से ऑनलाइन ही कार्य का भुगतान किया जाता है। इसके लिए प्रधान और सचिव को शासन की ओर से डीएससी दिए जाते हैं। इसके बिना भुगतान संभव नहीं है लेकिन डीएससी होने के बाद भी 40 ग्राम पंचायतों में भुगतान नहीं हो रहे थे।

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दरअसल, डीपीआरओ किरन चौधरी उनके डीएससी कार्यालय से निष्क्रिय करा दिए थे। डीपीआरओ के आदेश पर एडीपीएम राजेश सोलंकी ने ये डीएससी बंद कर दिए थे। इसके पीछे कोई वाजिब कारण नहीं था। 4 फरवरी को डीपीआरओ की गिरफ्तारी के बाद शासन ने उनका निलंबन भी कर दिया है। अब पंचायत राज विभाग का जिम्मा परियोजना निदेशक एके उपाध्याय को मिला है।

उन्होंने जानकारी करने के बाद सभी डीएससी शुरू कराने के आदेश दिए हैं। इसके बाद अब ग्राम पंचायतें सोमवार से भुगतान प्रक्रिया शुरू कर सकेंगी। डीएससी चालू होने के बाद ग्राम प्रधान और सचिवों ने राहत की सांस ली है।

केवल दो ही दशाओं में बंद हो सकते हैं डीएससी

ग्राम पंचायत प्रधान और सचिव के डीएससी केवल वाजिब कारण से ही बंद किए जा सकते हैं। इसमें प्रधान का डीएससी तब बंद किया जाता है जब उसके अधिकार सीज हो चुके हों या फिर कार्यकाल पूरा हो गया है। वहीं ग्राम पंचायत सचिव का डीएससी निलंबित होने या बर्खास्त होने पर बंद किया जा सकता है।

नहीं आई विजिलेंस टीम, आज आने की संभावना

शुक्रवार को विजिलेंस टीम विकास भवन नहीं पहुंची। दरअसल टीम ने कुछ पूर्व प्रधान व वर्तमान प्रधानों को फोन कर बयान के लिए विकास भवन शुक्रवार को ही बुलाया था। दोपहर बाद टीम ने उन्हें वापस फोन कर बताया कि अब वे शनिवार को आएंगे। शनिवार को ही अब उन्हें भी बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया है। डीपीआरओ/पीडी डीआरडीए एके उपाध्याय ने बताया कि जो भी डीएससी बंद थे, उन्हें तत्काल चालू करने के आदेश अपर जिला परियोजना प्रबंधक को दिए हैं। अगर किसी प्रधान या सचिव का डीएससी अब भी बंद है तो वह सीधे सूचित कर सकता है।



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