फोटो 01: इमरजेंसी विभाग के गहन चिकित्सा कक्षा में मरीज को अंगोछा से हवा करता तीमारदार। संवाद

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मरीज की घबराहट में बढ़ने पर परिजनों को करनी पड़ी हवा

संवाद न्यूज एजेंसी

इटावा। जिला अस्पताल की इमरजेंसी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के दौरे करने व सीएमएस के लगभग रोजाना निरीक्षण करने के बावजूद हालात में सुधार होता नजर नहीं आ रहा है। लोग इमरजेंसी में ठीक होने के लिए आते हैं। लेकिन यहां आने पर उन्हें और भी ज्यादा मुश्किलें उठानी पड़ती हैं। शनिवार को दोपहर में घबराहट होने पर इमरजेंसी मेंं मूंज से आए हरीप्रकाश को पुनर्जीवन चिकित्सा कक्ष में भर्ती कराया गया। लेकिन उनकी परेशानी तब बढ़ गई जब कक्ष का एयरकंडीशन बंद होने की वजह से घबराहट बढ़ने पर भतीजे को अंगोछा से उनके चेहरे पर हवा करनी पड़ी।

गांव मूंज (बसरेहर) निवासी असित ने बताया कि वह अपने चाचा हरी प्रकाश को घबराहट होने पर परेशानी होने पर करीब एक घंटा पहले जिला अस्पताल की इमरजेंसी लेकर आए थे। लेकिन गहन चिकित्सा कक्ष का एअर कंडीशनर खराब होने की वजह से उनकी घबराहट बढ़ने पर उनके चेहरे पर अंगोछे से हवा करनी पड़ी। यही नहीं गांव तोतारामपुर बसरेहर से आए विपिन कुमार को भी गहन चिकित्सा कक्ष में भर्ती कराया गया। परिवार की महिलाएं उनकी देखरेख कर रहीं थीं। बताया कि एक मरीज को देखने आए थे, उसी दौरान चक्कर आने पर उन्हें भर्ती कराया गया। तीन दिन से बारिश न होने की वजह से शनिवार को अधिकतम तापमान 31 डिग्री था। इस वजह से लोग गर्मी से परेशान रहे।

यह स्थिति तब की है, जब किसी टीम के सदस्यों को सीएमएस डॉ.एमएम आर्या इमरजेंसी निरीक्षण करा रहे थे। हैरानी इस बात की है गहन चिकित्सा कक्ष में गए फिर भी मरीज की अनदेखी की गई। जिला अस्पताल की इमरजेंसी का हाल यह है कि 24 अगस्त को जोरदार बारिश के दौरान कई कक्षों में छत से पानी रिसने पर डाॅ.महेंद्र कुमार को अपने कक्ष में प्लास्टिक की बाल्टी रखनी पड़ी थी और भी कई जगह छत से रिस रहे पानी की वजह से बाल्टी रखी गई थी।

24 मई को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने जिला अस्पताल का दौरा कर इमरजेंसी विभाग का निरीक्षण किया था। कई मरीजों से बात भी की थी। शिकायत पर एक मरीज को सैफई तथा दूसरे मरीज को लखनऊ भिजवाया था। भर्ती मरीजों को दिए जाने वाला अनार भी खराब मिला था। यानी इतना सब कुछ होने के बावजूद इमरजेंसी विभाग के हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं।

वर्जन

एयर कंडीशनर खराब होने की जानकारी होने पर संबंधित कर्मचारी को तत्काल एसी ठीक कराने के निर्देश दिए हैं।-डॉ.एमएम आर्या, सीएमएस



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