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फोटो 27:::बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का ककराई मोड़ जहां बन सकता है औद्योगिक क्षेत्र। संवाद
क्रासर
– यूपीडा ने एक्सप्रेसवे किनारे औद्योगिक गलियारा बनाने के लिए मांगी 100 हेक्टेयर जमीन
संवाद न्यूज एजेंसी
इटावा। एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक गलियारा बनाने की कवायद तेज कर दी गई है। इसके लिए बुंदेलखंड और लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे दोनों जगहों पर यूपीडा की ओर से प्रशासन से जगह मांगी गई है। दोनों में एक जगह पर 100 हेक्टेयर या उससे अधिक पर औद्योगिक गलियारा बनाया जाएगा। इसके लिए सर्वे का काम किया जा रहा है।
प्रदेश सरकार प्रदेश से निकलने वाले एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक गलियारा बनाकर रोजगार पैदा करने की तैयारी में लगी है। इसके लिए प्रदेश के 38 जिले चिह्नित किए गए हैं। इनमें इटावा भी शामिल है। जिन जिलों में एक से अधिक एक्सप्रेसवे निकले हैं। वहां पर दोनों में से किसी एक के किनारे औद्योगिक गलियारा बनाया जाएगा। इसी के तहत यूपीडा ने जिले में बुंदेलखंड और लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे के किनारे 100 हेक्टेयर या इससे अधिक जमीन प्रशासन से मांगी है।
प्रशासन की ओर से दोनों एक्सप्रेस वे के किनारे जगह चिह्नित कर ली गई है। वहां सर्वे का काम कराया जा रहा है। दोनों ही जगहों पर गुंजाइशें तलाशी जा रही हैं। हालांकि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे के किनारे औद्योगिक गलियारा बनाना यूपीडा और प्रशासन दोनों ही ज्यादा मुफीद मान रहे हैं। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर ताखा और भरथना के बीच कन्नौज इटावा मार्ग पर बने ककराई कट के आसपास भूमि का प्रस्ताव यूपीडा को भेजा गया है। इसमें ताखा तहसील के 133 किसानों की 51.9 हेक्टेयर भूमि को मिलाकर 60 हेक्टेयर भूमि उपयोगी बताई गई है। इसमें लगभग छह हेक्टेयर भूमि वन विभाग की है।
इसके अलावा शेष भूमि ऊसर, बंजर, सडक, नाला आदि की है। सभी भूमि की सर्किल रेट के अनुसार लगभग 58 करोड़ रुपये की है। यदि यूपीडा को प्रस्ताव के हिसाब से भूमि अच्छी लगती है तो यह किसानों से सर्किल रेट के चार गुना मूल्य पर खरीदी जाएगी। वहीं, भरथना की लगभग 40 हेक्टेयर भूमि को भी देखा गया है। उधर, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे के किनारे चौपला और टिमरुआ के बीच जमीन का प्रस्ताव यूपीडा को दिया गया है। यूपीडा की ओर से इसका सर्वे कराया जा रहा है। इन दोनों जगहों में से जो सबसे बेहतर जगह होगी वहां जल्द ही औद्योगिक गलियारा बनाने की कवायद शुरू हो जाएगी।
लगभग पांच सौ इकाइयां लगेंगी, दस हजार लोगो पाएंंगे रोजगार
एक्सप्रेसवे के किनारे दोनों स्थानों में से जहां पर भी औद्योगिक गलियारा बनेगा। वहां एक उत्पाद, एक जिला के साथ ही वेयरिंग हाउस की यूनिटें लगाई जाएंगी। एक अनुमान के अनुसार, सूक्ष्म, लघु और मध्यम करीब पांच इकाइयां लगाई जाएंगी। हालांकि यूपीडा का कहना है कि अभी पूरी योजना तैयार नहीं हुई है। जमीन फाइनल होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। औद्योगिक इकाइयां लगने से आसपास के गांवों के साथ ही पूरे जिले और आसपास के जनपदों के लोगों को रोजगार मिल सकेगा। लगभग 10 हजार लोग इन इकाइयों में काम करेंगे।
एक्सप्रेसवे पर एक नजर
– आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे का 23 नवंबर 2014 को शिलान्यास और नवंबर 2016 में उद्घाटन हुआ था।
– बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का जुलाई 2022 में उद्घाटन किया गया था।
वर्जन
बुंदेलखंड और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे दोनों जगहों पर जमीन का प्रस्ताव प्रशासन से मांगा गया है। जगह देख ली गई हैं। अब सर्वे कराया जा रहा है। दोनों में जिस एक्सप्रेसवे के किनारे बेहतर सुविधाएं कारोबारियों के लिए होंगी, वहां पर औद्योगिक गलियारा स्थापित कराया जाएगा। -सियाराम मौर्य, ओएसडी यूपीडा