सैफई। छह माह से खराब चल रही सैफई मेडिकल कॉलेज की सीटी स्कैन मशीन की सुध ली गई है। बुधवार को इंजीनियरों की टीम ने मेडिकल कॉलेज पहुंचकर सर्वे किया। उन्होंने रिपोर्ट तैयार करके उच्चाधिकारियों को देकर जल्द ही मशीन लगवाने का आश्वासन दिया है। उम्मीद है कि दो माह में मशीन लग जाएगी।
मेडिकल कॉलेज में प्रतिदिन ढाई से तीन हजार मरीज ओपीडी में दिखाने आते हैं। वहीं, पांच सौ से सात सौ तक मरीज इमरजेंसी में दिखाने आते हैं। इनमें से बड़ी संख्या में मरीजों को सीटी स्कैन कराने की जरूरत पड़ती है, लेकिन छह माह से मशीन खराब होने की वजह से मरीजों को सीटी स्कैन की जगह एमआरआई की जांच लिखी जा रही थी। ऐसे में मरीजों को खासी परेशानी हो रही थी। इसे लेकर अमर उजाला ने 2 जून के अंक में प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी।
इस पर मरीजों की परेशानी को देखते हुए विवि की ओर से एमआरआई जांच 50 प्रतिशत दामों में कराने के आदेश दिए गए थे। हालांकि इसके बावजूद मरीजों को लगभग साढ़े सात सौ रुपये अतिरिक्त खर्च करने पड़ रहे हैं। मशीन सही कराने या नई लगाने के लिए मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की ओर से लगातार शासन को पत्र लिखा जा रहा था। इसकी सुध शासन ने ले ली है।
शासन से प्रदेश के 28 अस्पतालों में नई मशीनें लगाने के आदेश जारी किए गए हैं। इसमें मेडिकल कॉलेज को भी शामिल किया गया है। मशीन लगाने की जिम्मेदारी फिल्प्स कंपनी को दी गई है। बुधवार को बुधवार को इंजीनियर मुरली मनोहरधर द्विवेदी ने अपनी टीम के साथ मेडिकल कॉलेज में सीटी स्कैन मशीन का सर्वे किया है। उन्होंने बताया कि उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट देकर जल्द मशीन लगवाई जाएगी। बताया कि मशीन की कीमत लगभग 10 करोड़ रुपये है।
2007 में लगी थी मशीन, 2017 से आने लगी थी दिक्कत
सैफई मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी ट्रामा सेंटर में मशीन सिमिन कंपनी की ओर से वर्ष 2007 में सीटी स्कैन मशीन लगाई थी। इसमें 10 वर्ष तक तो काम सही किया, लेकिन 2017 से लगातार खराबी आने लगी। हालांकि संबंधित कंपनी की ओर से कुछ सालों तक मरम्मत कराई गई, लेकिन छह माह पहले मशीन कंडम स्थिति में आ गई थी।
प्रमुख सचिव और डिप्टी सीएम मशीन सही कराने का दे चुके हैं आश्वासन
प्रमुख सचिव ने पिछले वर्ष जुलाई में निरीक्षण किया था। इस दौरान सीटी स्कैन एमआरआई खराब होने का उनके सामने मुद्दा उठा था। उन्होंने दोनों ही मशीनों को जल्द सही कराने के लिए निर्देश दिए थे। मई में उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक भी निरीक्षण करने के लिए पहुंचे थे, जहां पर कई मरीजों के तीमारदारों ने उनसे सीटी स्कैन एमआरआई सही करवाने के लिए बोला था। उन्होंने भी निर्देश दिए थे लेकिन आज तक यहां पर दोनों मशीनों में से एक भी मशीन सही नहीं हो सकी थी। अब सीटी स्कैन मशीन नई लगाने की कवायद शुरू हो सकी है।
वर्जन
विश्वविद्यालय के चिकित्सा अधीक्षक प्रो/डॉ. एसपी सिंह ने बताया शासन को लगातार पत्र भेजे जा रहे थे। इस पर शासन ने नई सीटी स्कैन मशीन लगाने की मंजूरी दे दी है। बुधवार को फिलिप्स कंपनी के इंजीनियर श्याम मुरली मनोहरधर द्विवेदी अपनी टीम के साथ सर्वे किया है। आगामी दो माह में नई मशीन लगने की उम्मीद है।
लोगों की बात
फोटो 18::::बेटी आहत का एमआरआई कराने का इंतजार करते समसिंह। संवाद
सीटी स्कैन की जरूरत मजबूरी में करा रहे एमआरआई
जिला मैनपुरी के थाना कुरावली क्षेत्र के गांव नानमऊ निवासी समसिंह ने बताया कि बारिश के चलते मकान गिर गया था। इसमें हमारी डेढ़ वर्ष की मासूम बेटी आहत दब गई थी। गंभीर चोटें आने पर उसे सैफई विवि की इमरजेंसी ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया था, जहां पर चिकित्सकों ने उसका सीटी स्कैन लिखा था। मशीन खराब होने की वजह से जहां एक हजार में सीटी स्कैन हो सकता था वहां 1750 रुपये में एमआरआई करानी पड़ रही है।
फोटो 19::::एमआरआई कराने के लिए इंतजार करते काशीराम।
सीटी स्कैन की जगह करानी पड़ रही एमआरआई
जिला औरैया के दिबियापुर निवासी विपिन कुमार ने बताया कि हमारे पिता काशीराम 65 वर्षीय के िसर में चोट लग गई थी। इसकी वजह से यहां इमरजेंसी ट्राम सेंटर में भर्ती कराया था, जहां डॉक्टर ने सीटी स्कैन लिखा था। सीटी स्कैन मशीन खराब होने की वजह से ज्यादा रुपये खर्च करके एमआरआई करानी पड़ी।