इटावा। नई पेंशन नीति (एनपीएस) के तहत कर्मचारियों के मूल वेतन से काटी जाने वाली राशि और सरकार से मिलने वाली धनराशि में घोटाले की जांच जिले तक आ गई है। अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के 482 शिक्षकों के एनपीएस में करोड़ों के घपले की आशंका है। जेडी मामले की जांच करा रहे हैं।

जिले में 54 अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय हैं। इनमें करीब 1000 शिक्षक और शिक्षणेतर कर्मचारी हैं। करीब 800 कर्मचारी एनपीएस योजना के तहत वेतन पा रहे हैं। दीवाली से पहले कुछ शिकायतों और विधान परिषद में यह मुद्दा उठने पर शासन की ओर से कुशीनगर जिले में जांच कराई गई थी। इसमें पता चला था कि बड़ी संख्या में कर्मचारियों की पेंशन के लिए काटा जाने वाला मूल वेतन का दस प्रतिशत और सरकार से मिलने वाला करीब 14 प्रतिशत की धनराशि उनकी बिना जानकारी के जिले स्तर के अधिकारियों की ओर से कमीशन के खेल में निजी कंपनियों के हवाले कर दी गई।

हालांकि इस मामले में अभी भी जांच की जा रही है। इस मामले की जांच होने के बाद सरकार की ओर से गुप्त जांच कराने पर कई और जिले में इस तरह का खेल होने की बात सामने आई। इसमें जिले का नाम भी प्रकाश में आया। शासन के आदेश पर जेडी (संयुक्त निदेशक) कानपुर की ओर से प्राथमिक जांच कराई गई और इसमें इटावा के 482 शिक्षकों के एनपीएस की धनराशि के साथ भी खिलवाड़ होने की जानकारी मिली।

इस पर जेडी ने डीआईओएस को पत्र लिखकर स्पष्टीकरण तलब किया था। डीआईओएस ने इस संबंध में संबंधित लिपिकों से स्पष्टीकरण तलब करने के साथ ही इस मामले में तकनीकी व्यक्ति से जांच कराने का आग्रह किया। इस पर जेडी कानपुर ने पांच सदस्यीय टीम बनाकर जांच शुरू करा दी है। जल्द ही टीम जिले में जांच करने भी आ सकती है।

सरकारी एजेंसियों को देनी थी धनराशि देनी : पंकज

माध्यमिक शिक्षक संघ चंदेल गुट के जिलाध्यक्ष पंकज चौहान ने बताया कि एनपीएस के तहत कर्मचारियों का कटने वाला अंशदान सरकारी एजेंसियों को सौंपने की बात सरकार की ओर से की गई थी। इसके लिए एलआईसी, एसबीआई और यूटीआई को अधिग्रहित किया गया था। राज्य निवेश के फंड मैनेजर के रूप में डीआईओएस को इसे निवेश करने का अधिकार होता है, लेकिन जिले के कई शिक्षकों और कर्मचारियों की धनराशि को नियम के विपरीत निजी कंपनियों के हवाले करके कर्मचारियों के धन को संकट में डालने का काम किया है। इस मामले की जांच कराने के लिए संगठन की ओर से लगातार मांग की जा रही थी।

कई आईपी एड्रेस से ट्रांसमर किए गए रुपये

सूत्रों के अनुसार, जेडी कानपुर की ओर से कराई गई प्राथमिक जांच में कुछ प्रपत्र डीआईओएस कार्यालय भेजे गए हैं। इनमें 482 शिक्षकों के एनपीएस के साथ साथ खिलवाड़ होने का संदेह जताया गया है। साथ ही कई आईपी एड्रेस भी भेजे गए हैं, जिनसे रुपये का ट्रांसफर किया जा रहा है। अब वह आईपी एड्रेस किनके हैं इसकी जांच जेडी की ओर से कराई जा रही है।

यह मामला 2022 का है। इसके बाद मैंने जिले का चार्ज संभाला था। फिलहाल जेडी साहब की ओर से मांगी गई जानकारी दे दी गई है। उनकी ओर से जांच कराई जा रही है। आगे आदेशानुसार कार्रवाई की जाएगी।-मनोज कुमार, डीआईओएस।



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