
जगदीशपुरा थाना
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ताजनगरी आगरा के बोदला में 10 हजार वर्ग गज जमीन पर कब्जे के मामले में मंगलवार को थाना जगदीशपुरा में आबकारी विभाग के निरीक्षक और सिपाहियों से पूछताछ की गई। विवेचक ने छह आबकारी कर्मियों को बयान के लिए बुलाया था। पूछताछ के दौरान पूछा गया कि उन्हें अवैध शराब की सूचना कहां से मिली थी? शराब कहां से आई थी? यह पता करने का प्रयास क्यों नहीं किया गया। पुलिस कितनी देर में पहुंची थी? मगर, कर्मचारियों ने नपा तुला जवाब ही दिया। इस पर टीम को जाने दिया गया।
करोड़ों की जमीन पर कब्जे के लिए दो फर्जी मुकदमे दर्ज किए गए थे। केयर टेकर रवि कुशवाह, उसके भाई संकरिया सहित तीन को गांजा बरामद दिखाकर जेल भेजा गया था। दूसरा मुकदमा 9 अक्तूबर 2023 को लिखा गया था। यह आबकारी अधिनियम में लिखा गया।
प्रयागराज हो गया था तबादला
इसमें रवि की पत्नी और बहन सहित तीन को जेल भेजा गया था। उनसे अवैध शराब की बरामदगी दिखाई गई थी। मामला चर्चा में आने के बाद आबकारी निरीक्षक त्रिभुवन सिंह पर कार्रवाई की गई थी। उन्होंने ही शराब बरामदगी के मामले में मुकदमा दर्ज कराया था। उन पर कार्रवाई हुई थी। तबादला प्रयागराज हो गया था।
पुलिस पूरे प्रकरण में विवेचना कर रही है। बिल्डर कमल चौधरी को थाने बुलाकर पूछताछ की गई थी। अब आबकारी अधिनियम के मुकदमे की फर्द में शामिल आबकारी विभाग के निरीक्षक और सिपाहियों को नोटिस देकर बुलाया गया। मंगलवार को सुबह 10 बजे प्रयागराज से निरीक्षक त्रिभुवन सिंह, हेड कांस्टेबल अजीत सिंह, जितेंद्र कुमार, आगरा से डौली कुमारी, रचना पाठक और राहुल आए थे।
अवैध शराब की सूचना किसने दी?
आबकारी कर्मचारियों से शराब बरामदगी के बारे में जानकारी ली गई थी। पूछा गया कि अवैध शराब की बिक्री की जानकारी कहां से मिली थी? जमीन जमीन पर अवैध कब्जा किया गया था, उसमें किस जगह से शराब बरामद की गई? यह पता करने का प्रयास किया या नहीं कि शराब कहां से लाई गई? पुलिसकर्मियों से कोई संलिप्तता तो नहीं थी।
इस बारे में सवाल जवाब किए गए। टीम में आए निरीक्षक सहित सिपाहियों ने लगभग एक जैसा ही जवाब दिया। वह मुखबिर की सूचना पर ही दबिश की बात कहने लगे। शाम 4 बजे टीम वापस गई। विवेचक आनंदवीर सिंह ने बताया कि आबकारी टीम से पूछताछ की गई। सवाल पूछे गए थे। जो जवाब मिले हैं, उनको केस में शामिल किया जाएगा।