फतेहपुर/। भादौ माह में पड़ रही जबरदस्त गर्मी ने बिजली की मांग बढ़ा दी है। इससे उपकेंद्रों से लेकर ट्रांसफार्मर तक ओवरलोड हैं। जर्जर तार और केबलों में जगह-जगह फाल्ट हो रहे हैं। हालात यह हैं कि असोथर में 48 और बिंदकी में 42 घंटे से बिजली आपूर्ति ठप है। शहर के राधानगर ग्रामीण में भी 18 से 20 घंटे तक की कटौती हुई। बिजली संकट से शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक में हाहाकार मचा है। इससे लोगों में गुस्सा है।

गर्मी में हर साल बिजली की मांग बढ़ती है, बावजूद इसके विभाग के अधिकारियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया, नतीजतन अधिकारियों की लापरवाही ने बिजली व्यवस्था को चौपट कर दिया है। शहर से लेकर गांव तक बिजली कटौती लोगों को रुला रही है। तय रोस्टर से बिजली देने का दावा केवल कागजों तक सीमित है। आलम यह है कि रोस्टर के मुताबिक आधी बिजली भी नहीं मिल रही है। उपभोक्ता का कहना है कि अधिकारियों की मनमर्जी से कामकाज करने का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है।

शहर के शांतिनगर, बेरुईहार, राधानगर, मुराइनटोला में फाल्ट और ट्रांसफार्मर फुंकने से लगातार आपूर्ति बाधित हो रही है। वहीं लो वोल्टेज की समस्या भी बनी हुई है। असोथर उपकेंद्र का नरैनी फीडर भी 48 घंटों से बंद है। फाल्ट को दुरुस्त करने के काम में बिजली विभाग की टीमें लगी हुई हैं। रात तक व्यवस्था सामान्य होने की उम्मीद जताई गई है। राधानगर ग्रामीण के लोगों को मात्र चार से छह घंटे ही बिजली मिली।

वहीं, शुक्रवार की मध्य रात 12 बजे बिंदकी कस्बे के दक्षिणी फीडर में ललौली रोड का ट्रांसफार्मर लोड के कारण खराब हो गया था। दूसरे दिन शनिवार की देर शाम ट्रांसफार्मर बदल गया। आपूर्ति चालू होने के कुछ घंटे बाद ही बदला गया ट्रांसफार्मर फिर से खराब हो गया। 42 घंटे से ललौली रोड के 300 से अधिक उपभोक्ताओं को गर्मी में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

बिजली आपूर्ति बंद होने से सबसे बड़ा संकट पीने के पानी का पैदा हो गया है। प्रभावित उपभोक्ता पानी के लिए दूर लगे हैंडपंपों में लाइन लगा रहे है। उमस भरी गर्मी में सबसे खराब स्थिति छोटे बच्चों की है। महिलाएं दुधमुहों को रातभर घर की छतों में लेकर घूमती है। इसके बावजूद अभी तक बिजली विभाग आपूर्ति बहाल नहीं कर पाया। एसडीओ नीटू ने बताया कि तकनीकी खामी के कारण बदला गया ट्रांसफार्मर दोबारा खराब हो गया है। रविवार की दोपहर नया ट्रांसफार्मर आ गया है। कर्मचारी पुराना ट्रांसफार्मर खोलकर नया ट्रांसफार्मर लगा रहे हैं। देर शाम तक विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी।

दक्षिणी फीडर में होते सबसे अधिक फॉल्ट

बिंदकी। कस्बे के दक्षिणी फीडर में लोड अधिक होने के कारण प्रतिदिन दिन फाल्ट की समस्या बनी रहती है। फाल्ट हो जाने पर कई कई घंटे तक पूरे दक्षिणी फीडर की विद्युत आपूर्ति बाधित रहती है। कई वर्ष से लोड अधिक होने की समस्या दक्षिणी फीडर में बनी हुई है। लेकिन इसके बावजूद समस्या को दूर कराए जाने के लिए विभाग द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। हर महीने उपभोक्ताओं से विद्युत बिल की पूरी वसूली तो की जाती है लेकिन निर्बाध आपूर्ति की सुविधा उपभोक्ताओं को नहीं दी जा रही है।

पहले नहीं चेते अफसर

मार्च के बाद जिले की बिजली आपूर्ति बिगड़ने लगी थी। लेकिन अफसरों का ध्यान इस ओर नहीं था। जगह जगह झूलते जर्जर तार, इंसुलेटर, उपकेंद्रों में लगी पुरानी इनकमिंग मशीनें, कम क्षमता के ट्रांसफार्मर गर्मी में बढ़ी बिजली की मांग का लोड बर्दाश्त नहीं कर पाए। इस मौसम में हर दिन 35 से 40 ट्रांसफार्मर पूरे फुंक रहे हैं। ट्रांसफार्मर बदलने में शहर क्षेत्र में 24 घंटे, कस्बों में 48 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में पांच से सात दिनों का औसत समय लग रहा है। गर्मी शुरू होने से पूर्व बिजली विभाग ने कोई तैयारी नहीं की। विभाग ने अगस्त महीने में बिजेनस प्लान के तहत सुधार के लिए बजट की मांग की। बजट आने के बाद काम शुरू होते होते गर्मी का मौसम निकल जाएगा।

वसूली पर जाने से डरते हैं कर्मी

बिजली व्यवस्था बेपटरी होने से बकाया बिजली बिल की वसूली भी नहीं हो पा रही है। इसके कारण राजस्व का नुकसान हो रहा है। आपूर्ति बाधित रहने से अफसर उपभोक्ताओं पर बिल जमा करने का भी दबाव नहीं बना पाते कई जगह वसूली टीम को उपभोक्ताओं के रोष का भी शिकार होना पड़ता है। हाल यह है कि बिजली विभाग के गर्मी वसूली पर जाने से डरने लगे हैं।

सूख रहीं फसलें, लो वोल्टेज से मोटर पर असर

बिजली कटौती से किसान परेशान हैं, मौसम की बेरुखी के साथ बिजली के दगा देने से खेतों में लगी धान की फसल सूख रही हैं। साथ ही लो वोल्टेज के कारण नलकूपों में लगी मोटरें भी प्रभावित हो रही हैं। मोटरें कम क्षमता चल रहीं हैं और प्रभावित हो रही हैं।

बिजली व्यवस्था पर एक नजर

बिजली उपकेंद्र- 54

कुल फीडर- 124

कुल ट्रांसफार्मर- 52000

कुल उपभोक्ता- 350000

शहर को 12 से 15 घंटे मिल रही बिजली

शहर में 24 घंटे आपूर्ति की जगह बमुश्किल 12 से 15 घंटे। तहसील मुख्यालय पर 22 घंटे की जगह आठ से दस घंटे और ग्रामीण क्षेत्र में छह से आठ घंटे ही सप्लाई मिल पा रही है।

बयान-

गर्मी के कारण बिजली की मांग अधिक है, मशीनों में क्षमता से अधिक लोड के कारण फाल्ट की शिकायत आ रही है। फाल्ट की सूचना पर तुरंत मौके पर टीम जाती हैं। पूरे जिले में तय रोस्टर के मुताबिक ही सप्लाई दी जा रही है।

– प्रमोद अग्निहोत्री, अधीक्षण अभियंता विधुत वितरण मंडल फतेहपुर।



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