कानपुर के डूडा में आवास आवंटन में बड़ा खेल चल रहा है। चार वर्षों से विभाग में सीएलटीसी (इंजीनियर) के पद पर तैनात रहा रवित रंजन ऑनलाइन आवेदनपत्रों में खेल कर रहा था।पहले से आवेदकों को कार्यालय बुलाकर सेटिंग करता था। दिव्यांगों को अपात्र और सक्षम को पात्र बना रहा था। जोनल प्रभारी छह की शिकायत के बाद उसे नौकरी से हटा दिया गया है। अब जांच में फर्जीवाड़े सामने आ रहे हैं।
अमर उजाला ने इसकी पड़ताल की तो हकीकत पता चली। मार्च की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 का शुभारंभ किया था। डूडा कार्यालय में 15 हजार आवेदनपत्र पहुंचे। सत्यापन के लिए सदर तहसील क्षेत्र के करीब 7600 आवेदकों की सूची बनाई गई। पहले चरण में शासन की प्राथमिकता थी कि विधवा, दिव्यांग, वृद्ध और अविवाहित या विदुर को आवास उपलब्ध कराया जाए।