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अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर चार दुर्गेश की अदालत ने 39 साल बाद सैदपुर कोतवाली के मुड़ियार गांव के रामपति सिंह हत्याकांड में शादियाबाद थाना क्षेत्र के बरहट निवासी हरिहर सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही एक लाख पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। हरिहर सिंह की गिनती माफिया मुख्तार के करीबी लोगों में से होती है। रामपति सिंह माफिया त्रिभुवन सिंह के पिता थे।
मालूम हो कि सैदपुर कोतवाली के मुड़ियार गांव निवासी विजयशंकर सिंह ने 25 जून 1984 को पुलिस को तहरीर दी थी कि वह पिता रामपति सिंह के साथ ट्रैक्टर लेकर तेल भरवाने बाजार गए थे। वापस लौटते समय सैदपुर भीतरी-लक्छिपुर रोड पर गांव के राजेश्वर उर्फ मकनू सिंह, साधु सिंह और हरिहर सिंह ने अचानक फायर कर दिया।
उन्होंने तो भाग कर जान बचा ली लेकिन पिता रामपति सिंह वृद्ध होने के कारण भाग नहीं सके और गोलियों ने उन्हें छलनी कर दिया। उनकी मौके पर ही मौत हो गई। बदमाशों ने ट्रैक्टर के पहियों पर भी गोली चलाकर पंचर कर दिया और भाग गए। वादी की सूचना पर सैदपुर कोतवाली में आरोपियों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ।
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