राजधानी लखनऊ में निर्वाण संस्था के बच्चों में हेपेटाइटिस बी-सी बीमारी मिली है। इसमें हेपेटाइटिस बी पीड़ितों की संख्या अधिक है। अफसरों का कहना है पॉजिटिव आए सभी बच्चों का इलाज शुरू करा दिया गया है। करीब छह माह तक दवा के सेवन से वायरस बॉडी से गायब हो जाएगा। संस्था के दो बच्चे अब भी अस्पतालों में भर्ती हैं। इनका इलाज डॉक्टरों की देखरेख में चल रहा है।

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पारा के बुद्वेश्वर स्थित निर्वाण केंद्र पीपीपी मॉडल पर संचालित होता है। मानसिक कमजोर, अनाथ व लावारिस बच्चों को यहां रखा जाता है। अभी यहां 142 बच्चे हैं। ज्यादातर की उम्र 10 से 18 साल के बीच है। 21 मार्च को संस्था के बच्चे बीमार पड़ गए। वह उल्टी-दस्त, पेट दर्द की शिकायत कर रहे थे। 

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आरोप है कि शुरुआत में संस्था के जिम्मेदारों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। 23 मार्च को उल्टी-दस्त और पेट दर्द से जब बच्चे अचेत होने लगे तब संस्था ने अलग-अलग अस्पतालों में बच्चों को भर्ती कराया। इस दौरान एक-एक करके पांच बच्चों की जान भी चली गई। दो बच्चे अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं। उनका इलाज चल रहा है। 

कोर्स पूरा करने बाद बच्चे स्वस्थ हो सकेंगे

इसमें एक बच्चा लोकबंधु अस्पताल में तो दूसरा बलरामपुर अस्पताल के आईसीयू में भर्ती है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग की जांच में संस्था के 12 बच्चों में हेपेटाइटिस बीमारी मिली है। इसमें नौ बच्चे हेपेटाइटिस बी व तीन हेपेटाइटिस सी से ग्रस्त मिले हैं। इन बच्चों का वायरल लोड भी कराया गया। सीएमओ डॉ. एनबी सिंह के मुताबिक, पॉजिटिव आए बच्चों की दवा शुरू की गई है। पूरा कोर्स करने बाद बच्चे स्वस्थ हो सकेंगे। 



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