In the first wave of Corona, RT-PCR tests were conducted using BU's machine


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झांसी। कोरोना की पहली लहर में रोगियों की आरटी-पीसीआर से जांच बीयू के इनोवेशन सेंटर की मशीन से हुई थी। यही नहीं जांच करने के लिए दो रिसर्च स्कॉलर की ड्यूटी लगाई गई थी। आठ माह बाद जब मेडिकल कॉलेज में मशीन आ गई तब बीयू को वापस की गई।

इनोवेशन सेंटर के कॉर्डिनेटर डॉ. लवकुश द्विवेदी ने बताया वर्ष 2020 में कोरोना की पहली लहर आई थी। संक्रमितों की आरटी-पीसीआर से जांच होनी थी, मगर मेडिकल कॉलेज में जांच की मशीन उपलब्ध नहीं थी। बीयू प्रशासन ने अपने इनोवेशन सेंटर में रखी जांच की मशीन चार मई 2020 को मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में पहुंचाई। इसके बाद जब जांच में दिक्कत आने लगी तो बीयू ने दो रिसर्च स्कॉलर प्रयागराज के रावेंद्र केशवानी और गोंडा की दीक्षा पांडेय की जांच के लिए ड्यूटी लगाई। फिर जांच शुरू हुई और करीब आठ माह बाद बीयू के सेंटर पर मशीन लौटी। ब्यूरो



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