संवाद न्यूज एजेंसी, जालौन

Updated Mon, 11 Sep 2023 11:51 PM IST

उरई। राज्य कर अधिकारी से मारपीट व एससी-एसटी एक्ट के मामले में कोर्ट में दोषी को तीन साल के कारावास और 16 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा!

सहायक शासकीय अधिवक्ता रणकेंद्र सिंह भदौरिया ने बताया कि व्यापार कर अधिकारी खंड प्रथम आरके कुरील ने शहर कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि व्यापारी हरिओम नीखरा निवासी नया रामनगर उरई के खिलाफ कर चोरी की सूचना पर छापेमारी की थी। इसमें कर चोरी पकड़ी गई थी। इसे लेकर हरिओम उनसे रंजिश मानने लगे थे और 26 जून 1997 को जिला परिषद चौराहे के पास हरिओम ने जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया और जान से मारने की धमकी दी। इस मामले में एसपी के आदेश पर दो जनवरी 1999 को पुलिस ने मामला दर्ज किया था। मामले की विवेचना तत्कालीन सीओ एके हिंगवासिया ने की थी और चार्जशीट दाखिल की थी। इस मामले का ट्रायल एससी-एसटी कोर्ट में चल रहा था। करीब 24 साल तक चले ट्रायल के बाद सोमवार को दोनों पक्षों की अधिवक्ताओं की जिरह व गवाहों के बयान को सुनने के बाद न्यायाधीश शिवकुमार ने हरिओम को दोषी पाते हुए तीन साल की कारावास और 16 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड जमा न करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।



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