आटा। बिजली उपकेंद्र से चमारी गांव के लिए गई लाइन का तार देर रात अचानक टूट गया। इससे चार गांवों की बिजली पूरी रात गुल रही। बिना बिजली के उमस गर्मी से लोग बेहाल हो गए। सुबह लाइनमैन ने बिजली का तार जोड़ा तब जाकर बिजली आ सकी।

आटा में सालों वर्ष पुराने बिजली के तार डाले गए थे, जो आए दिन टूटते रहते हैं। हल्की आंधी, पानी में तार गिर जाते हैं। जर्जर लाइन गिरने से हादसों का भी खतरा बना रहता है। शनिवार की देर रात बिजली उपकेंद्र से चमारी के लिए गई लाइन का तार टूट गया। जिससे चमारी, आटा, पिपरायां व भबुआ गांवों की सप्लाई बंद हो गई। लोगो ने रात को लाइनमैन को अवगत भी कराया पर रात में लाइन नहीं सुधर सकी। उमस वाली गर्मी में लोगों पूरी रात बिना बिजली के रहना पड़ा। सुबह करीब दस बजे लाइनमैन द्वारा टूटे तार को जोड़ा गया। जिसके बाद 11 बजे के बाद बिजली आ सकी। मुख्य सप्लाई तो चालू हो गई। लेकिन पिपरांया गांव की लाइन का तार टूटने से लाइन शुरू नहीं हो सकी।

आटा के लोगों ने अलग फीडर की उठाई मांग

आटा-अकोढ़ी मार्ग पर स्थित बिजली उपकेंद्र से करीब 14 गांव के लोगों को बिजली दी जाती हैं। कई गांव के लिए सुचारू रुप से बिजली देने वाले फीडर की व्यवस्था है। आटा गांव की आबादी करीब 18 हजार है। इसके बाद भी विभागीय लापरवाही के चलते आटा को अलग फीडर नही किया गया। आटा गांव के साथ चार गांव को जोड़ दिया। अगर इन चारों गांव में कही भी लाइनों में फाल्ट आता है, तो आटा के बिजली सप्लाई ठप हो जाती है। ग्रामीणों ने अलग फीडर करने की मांग की।



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