संवाद न्यूज एजेंसी

कुठौंद।

ब्लॉक क्षेत्र में तीन साल पहले बनाए गए शौचालयों में पानी का इंतजाम न होने से इनका उपयोग नहीं किया जा रहा है। देखरेख के अभाव में ये शौचालय खंडहर हो रहे हैं। विकासखंड में तैनात सचिवों और उनके जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही की वजह से सामुदायिक शौचालय बदहाल हैं। कई शौचालयों का तो निर्माण भी पूरा नहीं हो पाया है तो कई में ताला लटक रहा है।

सामुदायिक शौचालयों की पड़ताल मैं चौंकाने वाली हकीकत सामने आई। किसी शौचालयों में पानी का इंतजाम नहीं है। किसी में हाथ धोने की व्यवस्था नहीं है। कई शौचालयों का निर्माण अधूरा है और उनमें पाइप लाइन तक की फिटिंग नहीं है। ग्रामीणों का कहना है गांव में जब कोई बरात या अन्य आयोजन होता है तो लोगों को बाहर जाना पड़ता है। शौचालयों में ताला पड़ा रहता है। पानी-साबुन की भी व्यवस्था नहीं की गई है। खंड विकास अधिकारी सर्वेश रवि का कहना है कि जिन गांवों के शौचालय बंद हैं या किसी वजह से नहीं खुल रहे हैं उनको नियमित खोला जाएगा। यदि किसी गांव में शौचालय नहीं खुल रहा है तो उसका सचिवों से जवाब मांगा जाएगा।

फोटो-04- सनगढ़ में तीन साल पहले बने सामुदायिक शौचालय में पानी का इंतजाम न होने से नहीं हो पा रहा उपयोग।

शौचालय में नहीं है पानी, सबको हैरानी

ब्लॉक के सनगढ़ गांव में तीन साल से भी ज्यादा समय पहले चार लाख से ज्यादा की लागत से सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया था। सामुदायिक शौचालय बाहर से दिखने में खूबसूरत दिख रहा है ट्रेन जैसी पेंटिंग जितना दूर से लुभाती है उतना ही करीब आने पर खस्ताहाल व्यवस्था हैरान कर रही है 3 साल से ज्यादा समय से यह शौचालय पानी की व्यवस्था ना होने के कारण शुरू ही नहीं हो पाया फिर भी विभाग दावा कर रहा है कि सभी सामुदायिक शौचालय संचालित हैं, है ना हैरान करने वाली बात।

फोटो संख्या-05- सीपुरा गांव में बनाए शौचालय में खराब पड़े नलों को दिखाता युवक।

फोटो संख्या-06- सिलउआ जागीर गांव में बंद पड़ा सामुदायिक शौचालय।

यहां भी मिला बदइंतजामी का आलम

ब्लॉक के खेड़ा पंचायत के सीपुरा गांव में हकीकत में न सही मगर कागजों में सामुदायिक शौचालय संचालित हो रहा है ग्रामीणों ने बताया 1 महीने से ज्यादा समय से मोटर का स्टार्टर खराब है कई बार कहा गया लेकिन उसको सही नहीं कराया गया जिसकी वजह से शौचालय का इस्तेमाल नहीं हो रहा है शौचालय में गंदगी का अंबार है। इससे अलावा सिलउआ जागीर में शौचालय और सचिवालय के बाहर से बाउंड्री की गई है। बाउंड्री के गेट में ताला लटका रहता है, इसलिए शौचालय का उपयोग नहीं हो पाता है।



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