मुहम्मदाबाद। फाल्गुन माह आते ही बुंदेलखंड में फाग के गीतों की धुन गांवों में सुनाई देने लगती थी। अब यह गीत विलुप्त हो गए हैं। होली में पांच दिन शेष हैं, लेकिन कहीं भी फाग के पारंपरिक गीत सुनाई नहीं दे रहे हैं।
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मुहम्मदाबाद। फाल्गुन माह आते ही बुंदेलखंड में फाग के गीतों की धुन गांवों में सुनाई देने लगती थी। अब यह गीत विलुप्त हो गए हैं। होली में पांच दिन शेष हैं, लेकिन कहीं भी फाग के पारंपरिक गीत सुनाई नहीं दे रहे हैं।
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