
पर्वत सिंह बादल ( उरई ब्यूरो चीफ जालौन)✍️
(उरईजालौन) उरई: जनपद जालौन में स्थित आज़ मदरा लालपुर गांव स्थित ऐतिहासिक सूर्य मंदिर एक बार फिर से अपनी भव्यता की ओर अग्रसर हो रहा है। यमुना नदी के किनारे स्थित यह प्राचीन मंदिर अपनी अद्भुत वास्तुकला और कोणार्क मंदिर से मिलती-जुलती शिल्पकला के लिए प्रसिद्ध है। जिला प्रशासन अब इस सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए ठोस कदम उठा रहा है।
जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय व पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार ने मंदिर पहुंचकर स्थल का निरीक्षण किया और इसके जीर्णोद्धार की योजना पर चर्चा की। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कहा, “यह सूर्य मंदिर हमारी अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर है। इसे संवारने और संरक्षित करने के लिए कार्य योजना बनाकर शासन को प्रस्ताव भेजी जाएगी ।
माना जाता है कि इस मंदिर की स्थापना भगवान श्रीकृष्ण के पौत्र साम्ब ने की थी, जो सूर्य देवता के परम भक्त माने जाते हैं। मंदिर की वास्तुकला प्रसिद्ध कोणार्क सूर्य मंदिर से प्रेरित है, जो इसे विशेष बनाती है। मंदिर यमुना नदी के तट पर स्थित होने के कारण न केवल धार्मिक रूप से, बल्कि पर्यावरण और पर्यटन की दृष्टि से भी अत्यंत आकर्षक स्थल है। सूर्य देवता की आराधना करने यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। मंदिर परिसर से मिलने वाली आध्यात्मिक ऊर्जा व शांति यहां की विशेष पहचान है। जिला प्रशासन के इस पहल से अब उम्मीद की जा रही है कि यह ऐतिहासिक धरोहर न केवल संरक्षित होगी, बल्कि धार्मिक पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र भी बनेगी।
