सितंबर तक रिटर्न दाखिल न करने वाले 5,635 व्यापारियों पर राज्य कर विभाग ने सख्ती बरती है। उन्हें नोटिस जारी कर आज बृहस्पतिवार तक अंतिम मौका दिया गया है। फिर भी वह रिटर्न दाखिल नहीं करते हैं तो उनसे 50 हजार रुपये तक जुर्माना वसूल किया जाएगा। आगे पंजीकरण भी निरस्त किया जा सकता है।

राज्य कर विभाग की ओर से मासिक और त्रैमासिक रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 25 अक्तूबर निर्धारित की गई थी। जोन में 40 हजार व्यापारी पंजीकृत हैं। मासिक रिटर्न जमा करने वाले व्यापारियों में 19,416 जबकि त्रैमासिक में 12,780 व्यापारी शामिल हैं। इन्होंने समय से टैक्स की अदायगी कर अपना ब्योरा विभाग के समक्ष प्रस्तुत कर दिया। वहीं, 5,635 व्यापारी ऐसे चिन्हित किए गए हैं, जिन्होंने अंतिम तिथि तक खरीद-बिक्री का ब्योरा प्रस्तुत नहीं किया। राज्य कर विभाग ने इन व्यापारियों को एसएमएस और ईमेल के माध्यम से नोटिस भेजे हैं।

नोटिस में उन्हें ब्याज सहित 30 अक्तूबर तक टैक्स जमा करने के लिए कहा गया है। यदि वह इस प्रक्रिया को पूर्ण कर देते हैं तो ठीक, वरना विभाग इन व्यापारियों पर 50 हजार रुपये तक जुर्माना लगाएगा। जुर्माने की समय सीमा के बाद भी यदि वह टैक्स जमा नहीं करेंगे तो विभाग पंजीयन निरस्तीकरण की कार्रवाई करेगा।

3,255 व्यापारियों ने भी नहीं दिया रिटर्न

समाधान योजना में शामिल 6,800 व्यापारियों में भी 3,255 ऐसे हैं, जिन्होंने रिटर्न दाखिल नहीं किया। विभाग ने इन्हें भी नोटिस भेजा है। इसके बाद भी इन्होंने ध्यान नहीं दिया। उनके खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी।

पिछली बार 300 से वसूला गया था जुर्माना

जीएसटी रिटर्न दाखिल करने में लापरवाही बरतने पर पिछली बार 300 व्यापारियों से जुर्माना वसूला गया था। निर्धारित समय के बाद कुछ व्यापारियों ने विलंब शुल्क के साथ ब्याज सहित अपना टैक्स जमा कर दिया था, लेकिन 300 व्यापारी ऐसे रहे, जिन्होंने विलंब शुल्क और ब्याज की सीमा को भी पार कर दिया। विभाग ने इनसे 50 हजार रुपये तक जुर्माना वसूला था।

18 प्रतिशत ब्याज और 50 हजार तक जुर्माने का प्रावधान

जीएसटी रिटर्न में देरी पर पहले व्यापारियों को मामूली रूप से जुर्माना देना होता था। इसके चलते व्यापारी रिटर्न दाखिल करने में अक्सर लापरवाही बरतते थे। राज्य कर विभाग ने अब जीएसटी जमा कर रिटर्न दाखिल न करने वालों के खिलाफ सख्ती की है। समय सीमा गुजरने के बाद विलंब शुल्क के साथ 18 प्रतिशत ब्याज और उसके बाद 50 हजार रुपये तक जुर्माना देना होगा।

झांसी राज्य कर विभाग एडिशनल कमिश्नर ग्रेट-1 डीके सचान ने बताया कि व्यापारियों से हर माह और त्रैमासिक रिटर्न लिए जाते हैं। लेकिन, कुछ व्यापारी लापरवाही बरतते हैं। उन्हें नोटिस भेजकर हिदायत के तौर पर आज का मौका और दिया गया है। वह ब्याज सहित अपना रिटर्न जमा कर दें, वरना उनसे विभाग जुर्माना वसूलने की कार्रवाई करेगा।

 



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