दिसंबर 2021 से चल रहा महायोजना को तैयार करने का काम, झांसी में चल रहा आपत्तियों के निस्तारण का काम
संवाद न्यूज एजेंसी
ललितपुर। बढ़ती आबादी के साथ बढ़ते शहर के सुनियोजित विकास के लिए तैयार की गई महायोजना 2031 अफसरों की अनदेखी के चलते डेढ़ वर्ष से अधिक लेट हो गई है। आपत्तियों की सुनवाई और निस्तारण को अब तक अधिकारी जमीन पर नहीं ला सके है। ऐसे में शहर में विकास कार्य पुरानी महायोजना के आधार पर चल रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार महायोजना की फाइल आपत्तियों के निस्तारण के लिए टाउन प्लानर कार्यालय में अटकी चल रही है।
नगर में महायोजना 2031 बनाने की कवायद दिसंबर 2031 से चल रही है। महायोजना के अनुसार शहर का दायरा पांच किलोमीटर बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसके साथ करीब दस ग्राम पंचायतों को भी इसमें शामिल करने की तैयारी है। महायोजना के ड्राफ्ट का प्रकाशन जुलाई 2022 में किया गया था। इस प्रारूप को लेकर 30 जुलाई तक आपत्तियां मांगी गई थी।
इसमें करीब 950 आपत्तियां मिली थी। लेकिन अधिकारी अभी तक इन आपत्तियों का निस्तारण नहीं कर सके। जिस कारण से महायोजना लागू करने में देरी हो रही है। अधिकारियों के अनुसार आपत्तियों की सुनवाई के बाद सितंबर 2022 में कमेटी ने रिपोर्ट तैयार कर तकनीकी परीक्षण और आपत्ति निस्तारण के लिए झांसी स्थित नगर नियोजन कार्यालय को भेज दी गई है। इसके बाद यह फाइल यहां से आगे नहीं बढ़ पाई है।
यही कारण है कि महायोजना 2031 करीब डेढ़ वर्ष से आपत्तियों के निस्तारण के चक्कर में फंसी हुई है और लागू नहीं हो पा रही है। हालांकि विभागीय अधिकारियों ने अब जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी के कार्यभार ग्रहण करने के बाद महायोजना 2031 के जल्द ही धरातल पर उतरने की उम्मीद लगाई जा रही है।
हाईवे पर दोनों ओर होगी 25 फुट की हरित पट्टी
महायोजना 2031 में विनियमित क्षेत्र में हरित पट्टी का दायरा बदल दिया गया है। प्रस्तावित महायोजना में सड़क के दोनों ओर किनारे पर 25-25 फुट हरित पट्टी रहेगी। जिसके तहत लोग हरित पट्टी का क्षेत्र छोड़कर निर्माण कार्य करवाने के लिए नक्शा पास करवा सकेंगे।
प्रस्तावित महायोजना में यह किए गए हैं शामिल
नगर में बढ़ रही आबादी की आवश्यकताओं को देखते हुए प्रस्तावित महायोजना 2031 में सभी आवासीय, व्यावसायिक, औद्योगिक, कार्यालय, सार्वजनिक, अर्द्धसार्वजनिक सुविधाएं और सेवाओं का अलग-अलग क्षेत्र निर्धारित किया गया है। इसके अलावा सार्वजनिक उपयोगिता, पार्क, यातायात, परिवहन, खुले स्थान, कृषि सहित विभिन्न निर्माण और स्थान के लिए अलग-अलग क्षेत्रफल निर्धारित किया गया है।