झांसी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश जफीर अहमद की अदालत ने पत्नी की गैर इरादतन हत्या का आरोप सिद्ध होने पर पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। न्यायालय ने घटना के डेढ़ साल के भीतर फैसला सुनाया।
शासकीय अधिवक्ता मृदुलकांत श्रीवास्तव व रविप्रकाश गोस्वामी ने बताया कि भट्टागांव निवासी सहदेव ने सदर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें बताया था कि आठ अक्तूबर 2021 की रात साढ़े आठ बजे उसके पिता निर्भय सिंह और मां शारदा देवी के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। इसी दरम्यान पिता ने गुस्से आकर घर में पड़ी लोहे की राॅड मां के सिर में मार दी थी। ग्वालियर ले जाते समय रास्ते में मां की मौत हो गई थी।
न्यायालय ने पूरे मामले की सुनवाई के बाद अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा 20 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया, जिसकी अदायगी न करने पर अभियुक्त को दो साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
बेटे-बहू की गवाही अहम रही
झांसी। इस मुकदमे में पांच लोगों की गवाही हुई, जिसमें सबसे अहम गवाही अभियुक्त के बेटे सहदेव व बहू रेखा देवी की साबित हुई। इसके अलावा एफआईआर लेखक कांस्टेबल परमहंस, पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक डा. शिवमिलन व उप निरीक्षक रूवेंद्र सिंह की भी गवाही हुई। पहली गवाही 24 फरवरी 2023 को हुई थी। न्यायालय ने महज दो माह चार दिन के ट्रायल के बाद फैसला सुना दिया।