झांसी। पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने शनिवार सुबह असद एनकाउंटर स्थल पहुंचकर साक्ष्यों की पड़ताल की। गोली लगने के बाद जिस जगह असद और गुलाम गिरे वहीं पर उसी अंदाज में अमिताभ ने भी गिरकर देखा। उन्होंने सभी चीजों का रिकार्ड दर्ज किया। करीब चालीस मिनट पड़ताल के बाद उन्होंने कहा कि जिस तरह से मौके पर साक्ष्य मिले उसके आधार पर इस एनकाउंटर के फर्जी होने की संभावना अधिक है।
पूर्व आईपीएस अभिताभ ठाकुर ने पारीछा थर्मल पावर प्लांट के आसपास के पूरे इलाके का जायजा लिया। उनका कहना है एसटीएफ की एफआईआर और मौके की परिस्थितियों में काफी विरोधाभास है। गोली लगने के बाद असद एवं गुलाम जिस जगह गिरे वहां आसपास पत्थर हैं। ऐसे में उनको चोट आनी चाहिए लेकिन, उनके सिर में कोई चोट नहीं थी। असद और गुलाम को दो तरफ से घेरने की बात कही गई लेकिन, मौके पर ऐसी कोई स्थिति नहीं बनती जिसमें उनको दो तरफ से घेरा जा सके। यहां करीब 700 मीटर लंबा कच्चा रास्ता है लेकिन, दूसरी तरफ से कोई रास्ता नहीं है। इस वजह से यह थ्योरी गले नहीं उतरती। एसटीएफ ने क्रास फायरिंग की बात बताई लेकिन, मौके पर ऐसी कोई आड़ नहीं दिखी जिसका सहारा लेकर क्रास फायरिंग की जा सके। न्यायिक सदस्यों से मुलाकात करके वह इन तथ्यों की ओर ध्यान दिलाएंगे।