
काका हाथरसी
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काका की नगरी हाथरस लोकसभा क्षेत्र इस चुनाव में बाहरी प्रत्याशियों के लिए अखाड़ा बन गई है। भाजपा, सपा व बसपा तीनों ही प्रमुख दलों ने बाहरी जनपदों के प्रत्याशियों को इस लोकसभा क्षेत्र से चुनावी समर में उतारा है।
बाहरी प्रत्याशियों को उतारने को लेकर भाजपा पहले से चर्चा में है। इस बार के चुनावों में सपा व बसपा ने भी बाहरी प्रत्याशियों इस अखाड़े में उतार दिया है। वर्ष 1991 से अब तक हुए लोकसभा चुनावों पर नजर डालें तो 2014 के चुनाव को छोड़कर अब तक इस लोकसभा क्षेत्र पर बाहरी प्रत्याशियों का ही कब्जा रहा है। वर्ष 1991 में डॉ. लाल बहादुर रावल मुरादाबाद क्षेत्र में शिक्षा विद थे, वो भाजपा से चुनाव जीते।
वहीं वर्ष 1996 , 1998, 1999 और 2004 के चुनावों में अलीगढ़ के रहने वाले किशन लाल दिलेर भाजपा के उम्मीदवार रहे। वर्ष 2019 में उनके पुत्र राजवीर दिलेर प्रत्याशी बने और लोकसभा चुनाव जीता। इस बार फिर से भाजपा ने बाहरी प्रत्याशी को चुनावी समर में उतारा है। इस बार अलीगढ़ क्षेत्र के गांव रकराना रहने वाले खैर विधायक व प्रदेश सरकार में राजस्व राज्य मंत्री अनूप प्रधान को चुनावी मैदान में उतारा है।