Kanpur: 500 committees will take out Jawara and Sang Yatra in the city

सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला

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चैत्र नवरात्र में मां जगदंबा को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु हर जतन कर रहे हैं। इन्हीं में जवारा व सांग यात्रा की भी परंपरा है। शहर में यह परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। यहां करीब 500 कमेटियां सप्तमी, अष्टमी और नवमी को जवारा और सांग यात्रा निकलती हैं। वहीं, यात्रा को लेकर सांगों में धार देने का काम शुरू हो गया है। जवारे भी तैयार हो रहे हैं।\

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चैत्र नवरात्र में ही जवारा व सांग यात्रा निकलती है। नवरात्र पूजन के साथ ही जवारे बोए जाते हैं। सांग का भी पूजन होता है। पीरोड बाबा वनखंडेश्वर जवारा कमेटी के आशू सैनी ने बताया कि कमेटी 33 साल से जवारा यात्रा निकाल रही है। इस बार पांच अप्रैल को यात्रा निकलेगी और यह बारादेवी मंदिर जाएगी। कमेटी करीब 350 लोगों को सांग लगा रही है। इनमें पांच से 50 साल तक के महिला-पुरुष शामिल हैं। माता की पूजा के बाद उनकी अनुमित लेकर सांग की घिसाई, धार और पेंट का काम चालू है।

आनंदबाग जीवनलाल का हाता की मां विंध्यवासिनी जवारा कमेटी के कुलदीप ने बताया कि उनकी कमेटी 58 साल पुरानी है। इसकी शुरुआत बाबा कक्का ने की थी। कमेटी 300 लोगों को सांग लगाती है। सांग यात्रा तपेश्वरी मंदिर तक जाती है। इस बार यात्रा सात अप्रैल को निकलेगी। वहीं, श्री ज्वाला माता सेवा समिति के अध्यक्ष विजय कुमार ने बताया कि उनकी कमेटी 20 साल से सांग यात्रा निकाल रही है, जो ज्वालादेवी मंदिर पहुंचती है। कमेटी करीब 200 लोगों को सांग लगाती हैं। गोविंदनगर कच्ची बस्ती के संजय ने बताया कि टोलियां बनाकर जवारा और सांग यात्रा निकालते है। यह पंचमी से शुरू होती है और रोजाना दशमी तक निकलती है।



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