सीए संस्थान की ओर से सोमवार को सीए फाइनल और सीए इंटरमीडिएट सितंबर 2025 की परीक्षा का परिणाम जारी किया गया। फाइनल में शहर की दिशा वरजातिया सिटी टॉपर बनीं। उन्हें 600 में से 392 अंक मिले। वहीं सीए इंटरमीडिएट में उत्कर्ष गुप्ता को पहला स्थान मिला है। उन्हें 600 में से 390 अंक मिले हैं।

सीए फाइनल में जोया बुतूल ने दूसरा स्थान पाया उन्होंने 353 अंक हासिल किए। जबकि वंश बिपिन वोरा को तीसरा स्थान मिला। उन्हें 340 अंक मिले। तीनों टॉपरों ने पहले प्रयास में सफलता हासिल की है। विशाल कुमार तिवारी ने 331 अंक के साथ चौथा स्थान पाया जबकि पांचवें स्थान पर रहे मोनास को 316 अंक मिले। टॉप फाइव में दो बेटियों को जगह मिली है। वहीं सीए इंटरमीडिएट में आदित्य पुरवार दूसरे स्थान पर रहे। उन्हें 387 अंक मिले। तीसरे स्थान पर आए अफान को 377 अंक मिले। एशिका गुप्ता 361 अंक के साथ चौथे स्थान पर रहीं। नैतिक दोसर और स्मृति नंदा को संयुक्त रूप से पांचवां स्थान मिला। दोनों को 360-360 अंक मिले। पहले तीन स्थान पाने वालों ने दोनों ग्रुपों में सफलता हासिल की है।

शहर का परीक्षा परिणाम 26 प्रतिशत रहा। पिछले साल भी परिणाम 26 प्रतिशत ही था। सीए संस्थान, सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल के सदस्य और सीपीई के चेयरमैन सीए अंकुर गोयल ने बताया कि सीए फाइनल परीक्षा में शहर से 441 छात्र-छात्राएं शामिल हुए थे। जिसमें 116 सफल हुए हैं। दोनों ग्रुपों में 85 परीक्षार्थी शामिल हुए थे जिसमें 17 सफल रहे। ग्रुप एक में 253 छात्र शामिल हुए जिसमें 61 सफल रहे। दूसरे ग्रुप में 103 में से 28 छात्रों को सफलता मिली। इसी तरह सीए इंटरमीडिएट के दोनों ग्रुपों में 159 छात्र-छात्राएं परीक्षा में शामिल हुए। इसमें 20 सफल रहे। ग्रुप एक में 359 परीक्षार्थी शामिल हुए थे जिसमें 38 सफल रहे। ग्रुप दो में 187 परीक्षार्थी शामिल हुए थे इसमें 75 को सफलता मिली है।

सीए फाइनल के टॉपर

दिशा ने छह माह पहले सोशल मीडिया, फोन से बनाई दूरी

रतनलालनगर निवासी दिशा वरजातिया ने बताया कि वह अपने परिवार से पहली सीए बनीं हैं। उनके पिता मनीष वरजातिया कारोबारी हैं। उनकी बहन भी सीए की तैयारी कर रही है। 2020 में जयपुरिया से 12वीं की पढ़ाई के बाद सीए बनने की तैयारी शुरू की। परीक्षा देने के छह महीने पहले सोशल मीडिया, फोन सभी से दूरी बना ली थी। केवल पढ़ाई पर फोकस किया और सफलता मिली है। उनका कहना है कि वह विदेश में फाइनेंस की आगे की पढ़ाई करेंगी। इसके बाद नौकरी करेंगी।

ट्यूशन टीचर से प्रेरित होकर जोया ने सीए बनने की तय की राह

चमनगंज निवासी जोया बुतूल ने बताया कि उनके पिता मोहम्मद जमां फुटवियर कारोबारी हैं। पहले प्रयास में उन्होंने सफलता हासिल की। 11वीं में ट्यूशन टीचर से प्रेरित होकर सीए बनने की राह तय की। वह भी अपने परिवार की पहली सीए हैं। मम्मी अजरा परवीन गृहिणी हैं। हडर्ड स्कूल से 2020 में 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद सीए की तैयारी शुरू की थी। उनकी बहन बीकॉम कर रही है। आगे वह नौकरी करने के लिए सोच रही हैं।

वंश बिपिन ने पापा और मम्मी का सपना किया पूरा

स्वरूपनगर के पंचरतन अपार्टमेंट में रहने वाले वंश बिपिन वोरा ने बताया कि उनके पिता का देहांत 2016 में हो गया था। उनकी मम्मी अल्पना वोरा ने कारोबार संभाला। उनकी मम्मी और पापा का सपना था कि वे सीए बनें। उनकी जुड़वा बहन वंशिका भी सीए की तैयारी कर रही है। एलेन स्कूल खलासी लाइन से 12वीं की पढ़ाई पूरी की। उनकी सफलता में माता-पिता, दोस्तों और शिक्षकों का अहम योगदान है। वह अपने पिता का नाम भी अपने नाम के आगे लिखते हैं।



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