
कानपुर में बादशाहीनाका का गुलियाना क्षेत्र कई दशक से अपराध बाहुल्य क्षेत्र रहा है। यहां पूर्व में कई घटनाएं हो चुकी हैं। कुछ अपराधियों का पुलिस ने एनकाउंटर किया था। ऐसे ही कुछ शातिरों के साथ हत्यारोपी जितेंद्र यादव का भी उठना बैठना रहा है।
वह बचपन से ही छोटी छोटी वारदातों में शामिल हो गया था। यह जानकारी पुलिस की जांच में सामने आया है। बादशाहीनाका इंस्पेक्टर राजीव कुमार सिंह ने बताया कि बिजली का बिल जमा न करने के विवाद में छोटे भाई का हत्यारोपी जितेंद्र यादव बचपन से अपराध में सक्रिय हो गया था।

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kanpur murder case
– फोटो : amar ujala
रेलवे गोदाम से सामान करता था गायब
उसके दबदबे के कारण किसी की आवाज उठाने की हिम्मत नहीं थी। इसी कारण घटना को अंजाम देते समय परिजन भी उसको रोकने का साहस नहीं जुटा सके। जितेंद्र बचपन में गुलियाना से कुछ दूरी पर स्थित रेलवे गोदाम से सामान गायब करता था।

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जानकारी देते मृतक के परिजन
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सरेआम कर दी थी युवक की हत्या
उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज न होने का एक कारण यह भी था कि गुलियाना क्षेत्र में शहर के कई नामी अपराधियों की आवाजाही थी। वे दोनों पक्षों को डांट डपट कर शांत करा देते थे। क्षेत्र में अपना दबदबा बरकरार रखने के लिए 2007 में जितेंद्र ने कुछ साथियों संग कोपरगंज चौराहे पर देवी दही वाले के परिवार के युवक की सरेआम हत्या कर दी थी।

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चार साल पहले जेल से छूटकर आया
इसमें वह जेल गया था। जितेंद्र कलक्टरगंज में अपना आतंक बनाए हुए था। हत्या के मामले में जितेंद्र को सजा हुई और वह 15 साल से ज्यादा समय तक जेल में रहा। चार साल पहले वह जेल से छूटकर आया और बर्फ का काम करने लगा।

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ये था पूरा मामला
बादशाहीनाका क्षेत्र में बिजली का बिल जमा न करने को लेकर शनिवार की सुबह सगे भाइयों में विवाद हो गया। बड़े भाई जितेंद्र यादव ने छोटे भाई विजेंद्र यादव (37) को पहले डंडे से जमकर पीटा फिर दिल में सूजा घोंपकर उसकी हत्या करने के बाद मौके भाग निकला। पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण कर खून से सना सूजा बरामद किया।