संवाद न्यूज एजेंसी

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झांसी। मंडल से संचालित होने वाली ग्वालियर-बरौनी मेल, झांसी-लखनऊ इंटरसिटी और गीता जयंती एक्सप्रेस में जनवरी से यात्रा का अनुभव बदल जाएगा। रेल मंडल ने गीता जयंती एक्सप्रेस के साथ ही अब अन्य दोनों ट्रेनों के कोच बदलने के लिए रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भेज दिया है। बोर्ड से अनुमति मिलते ही इन तीनों ट्रेनों के पुराने आइसीएफ कोच हटाकर इनके स्थान पर एलएचबी कोच लगाए जाएंगे।

रेल मंडल में एलएचबी (लिंके हॉफमैन बुश) कोचों से चल रही सुपरफास्ट और एक्सप्रेस ट्रेनों की गति 130 किलोमीटर प्रतिघंटे से बढ़ाकर 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की जानी है। वर्तमान में एलएचबी कोचों की अधिकतम गति 140 किलाेमीटर प्रतिघंटे है। वहीं, पुराने आइसीएफ कोच अधिकतम 110 किलोमीटर प्रतिघंटे से ही दौड़ पा रहे हैं। ऐसे में इन ट्रेनों का रनिंग टाइम भी अधिक है। इसका सीधा असर रेल यात्रियों पर पड़ता है।

वहीं, रेलवे की समय पालनता भी ट्रेनों की गति कम होने के चलते प्रभावित होती है। यही कारण है कि आइसीएफ कोचों से चलने वाली झांसी रेल मंडल की ग्वालियर-बरौनी मेल, झांसी-लखनऊ इंटरसिटी एक्सप्रेस और गीता जयंती एक्सप्रेस की गति अब तक अधिकतम 110 किलोमीटर प्रतिघंटा ही है। ऐसे में इन ट्रेनों का संचालन समय भी अन्य ट्रेनों के मुकाबले अधिक है।

झांसी-धौलपुर रेलमार्ग की अधिकतम गति भी 130 किलोमीटर प्रतिघंटे है। वहीं, झांसी-कानपुर रेलमार्ग पर भी ट्रेनों का संचालन वर्तमान में 120 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हो सकता है। हालांकि, सभी रेलमार्ग की गति रेलवे को बढ़ाकर 160 किलोमीटर प्रतिघंटे करनी है। ऐसे में आइसीएफ कोच इन ट्रैक पर नहीं चल सकेंगे।

वर्जन

ट्रेनों में नए एलएचबी कोच लगाने की प्रक्रिया लगातार चल रही है। अधिकांश ट्रेनों का संचालन एलएचबी कोचों से ही किया जा रहा है। रेलवे बोर्ड की अनुमति के बाद बरौनी मेल, इंटरसिटी और गीता जयंती एक्सप्रेस का रैक भी बदल दिया जाएगा। – मनोज कुमार सिंह, मंडल रेल जनसंपर्क अधिकारी



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