Loot of Rs 9.5 lakh from flour mill operator and wife, police calling it fake

जगदीशपुर के कचनावं गांव ​स्थित फ्लोरमिल संचालक से बातचीत करते लोग।

जगदीशपुर (अमेठी)। थाना क्षेत्र के एक फ्लोर मिल संचालक व उसकी पत्नी से मंगलवार की देर रात साढ़े नौ लाख रुपये की लूट का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। हालांकि इस घटना से जुड़े पीड़ित के बयान के दो वीडियो वायरल हो रहे हैं। एक वीडियो में वह इस घटना को खुद फर्जी बता रहे हैं, जबकि दूसरे वीडियो में वह दावा कर रहे हैं कि पुलिस ने उन्हें ऐसा कहने के लिए मजबूर किया है। फिलहाल मामले में कोई केस दर्ज नहीं हुआ है। पुलिस अधिकारियों का दावा है कि जांच में घटना फर्जी निकली है।

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जगदीशपुर इलाके के पूरे रिसाल मिश्र मजरे कचनावं गांव निवासी अरविंद कुमार मिश्र फ्लोर मिल संचालक हैं। अरविंद के अनुसार मंगलवार देर रात वह रुपये एकत्र कर पत्नी सरोज मिश्र के साथ कार से घर जा रहे थे। गांव से पहले ही नहर के पास दो बाइक पर सवार चार बदमाशों ने ओवरटेक कर उनकी कार रोक दी। कार रुकते ही बदमाशों ने दंपती को कार से बाहर निकला। इसके बाद सरोज मिश्र से साढ़े नौ लाख रुपये से भरा बैग छीन लिया और असलहा लहराते हुए भाग निकले।

घटना के बाद पीड़ित ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और सीसीटीवी कैमरे सहित कई पहलुओं पर पुलिस ने जांच की। जांच के बाद पुलिस ने लूट के आरोप की घटना फर्जी करार दी। पुलिस का दावा है कि कर्जदार से बचने के लिए फर्जी कहानी रची गई है।

वहीं, इस घटना से जुड़े दो वीडियो वायरल हो रहे हैं। एक वीडियो में पीड़ित कह रहा है कि लूट की घटना फर्जी है। वह कर्ज में डूबा है। जिसके चलते यह कहानी रची थी। जबकि दूसरे वीडियो में पीड़ित दावा कर रहा है कि लूट की घटना को लेकर उन्होंने पुलिस को तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस ने जांच के नाम पर उन सभी व्यापारियों को उठा लिया, जिनसे उन्होंने रुपये लाने की बात कही थी।

पुलिस कार्रवाई से परेशान व खौफजदा होकर रुपये देने वाले लोग भी अपनी बात से मुकर गए। जिसके बाद पुलिस ने पीड़ित पर दबाव बनाया और दूसरी तहरीर लिखवा कर यह कहने को मजबूर किया कि लूट की घटना फर्जी है। पीड़ित का दावा है कि पुलिस के डर से उन्होंने दूसरी तहरीर दी। वायरल दोनों वीडियो की अमर उजाला पुष्टि नहीं करता है।

फर्जी हैं सारे आरोप

एसपी अपर्णा रजत कौशिक ने बताया कि फ्लोर मिल संचालक की ओर से रात में लूट की सूचना दी गई थी। मामले की जांच की गई। सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाले गए। जांच में लूट की कहानी फर्जी मिली है। शिकायतकर्ता ग्राम प्रधान की मौजूदगी में कर्जदारों के दबाव से बचने के लिए फर्जी सूचना देने की बात स्वीकार भी की है। वीडियो जारी कर लगाए जा रहे सभी आरोप निराधार हैं।



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