
निकाय चुनाव।
– फोटो : अमर उजाला।
विस्तार
शहर की सरकार के भाग्य का आज (बृहस्पतिवार को) फैसला होगा। ये फैसला लिखेंगे 31 लाख से अधिक मतदाता। आपके एक-एक वोट से तय होगा शहर में सरकार कैसी होगी। किसकी होगी। लखनवी अपना फैसला लिखने को बेकरार हैं। उम्मीद है कम मतदान प्रतिशत का दाग भी धुल जाएगा। ऐसा इसलिए भी जरूरी है कि 2017 में केवल 38 फीसदी मतदान लखनऊ नगर निगम के लिए हुआ। इस बार अधिक से अधिक मतदान कर रिकॉर्ड बनाना है।
लखनऊ में 770 मतदान केंद्रों पर 2729 मतदान बूथों पर निकाय चुनाव कराए जाएंगे। जिला निर्वाचन अधिकारी व डीएम सूर्यपाल गंगवार का कहना है कि पिछले निकाय चुनावों में यह देखने में आया है कि करीब 60 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग ही नहीं किया। इस बार अधिक से अधिक मतदान हो, इसे सुनिश्चित करना है। लोगों को मतदान करने के अधिकार में सुगमता रहे, इसके लिए मतदान बूथों पर हर संभव सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं।
लखनऊ नगर निगम में मतदान
- 2007 में मतदान – 44.70 फीसदी
- 2012 में मतदान – 34.10 फीसदी
- 2017 में मतदान – 38.60 फीसदी
आपका वोट इसलिए अहम
माना 100 मतदाता हैं। माना इनमें 38 फीसदी वोट देते हैं। ये वोट अगर तीन प्रत्याशियों में बंटे तो 50 प्रतिशत वोट शेयर हासिल करने वाले प्रत्याशी के पक्ष में भी 19 वोट आएंगे। यानी जीतने वाले को 81 प्रतिशत मतदाताओं का समर्थन नहीं मिला। ऐसे में आप विकास के लिए कैसे जीते प्रत्याशी पर दबाव बना पाएंगे।
जानकारियां आपके काम की…
मतदान के लिए जाने से पहले सप्लीमेंटरी वोटर लिस्ट देख लें। उप जिला निर्वाचन अधिकारी हिमांशु गुप्ता का कहना है कि निकाय चुनाव के लिए बनी मतदाता सूची को लखनऊ जिले की वेबसाइट lucknow.nic.in पर अपलोड किया गया है। यहां वार्डवार मतदाता सूची देखी जा सकती है। जिन मतदाताओं ने नए नाम जुड़वाए हैं, अगर वोटर लिस्ट में उनको अपना नाम नहीं मिले तो वे सप्लीमेंटरी वोटर लिस्ट को भी जरूर देख लें।
मेयर पार्षद के लिए ईवीएम तो नगर पंचायतों में मतपत्र
मेयर और पार्षद के लिए ईवीएम से मतदान होगा। मेयर के लिए नीला और पार्षद के लिए गुलाबी मतपत्र ईवीएम में लगाया जाएगा। वहीं, 10 नगर पंचायतों में चुनाव मतपत्र से होंगे। चेयरमैन के लिए सफेद और वार्ड मेंबर के लिए गुलाबी मतपत्र होंगे।
कब से कब तक मतदान
- सुबह 7 बजे से शुरुआत
- शाम 6 बजे समाप्त
अगर शाम 6 बजे तक कतार में हैं और मत नहीं दे पाए तो…
छह बजे तक मतदान केंद्र पहुंचे सभी मतदाताओं को पीठासीन अधिकारी टोकन वितरित करेंगे। सभी टोकन वाले मतदाताओं को वोट देना सुनिश्चित कराया जाएगा। मतदान बूथ पर मौजूद प्रत्याशियों के एजेंट भी इस दौरान मौजूद रहेंगे।
मतदाता पर्ची के साथ पहचान पत्र ले जाएं, ये 15 दस्तावेज हैं मान्य
मतदान करने के लिए आपको मतदाता पर्ची के साथ एक पहचानपत्र ले जाना होगा। इसके लिए निर्वाचन आयोग ने 15 दस्तावेज को पहचानपत्र के तौर पर अनुमति दी है। इनमें मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, राज्य व केंद्र सरकार के उपक्रम व आयोग की ओर से जारी फोटो सहित पहचानपत्र, बैंक या पोस्ट ऑफिस से जारी फोटो सहित पासबुक, पेंशन बुक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पहचान पत्र, फोटोयुक्त शस्त्र लाइसेंस, फोटो सहित शारीरिक रूप से अशक्त होने का प्रमाणपत्र, श्रम विभाग की ओर से जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में जारी स्मार्ट कार्ड, सांसद व विधायकों के सरकारी पहचान पत्र, राशन कार्ड शामिल हैं। परिवार के मुखिया के साथ आए वोटर के लिए मुखिया का दस्तावेज ही उसका भी पहचानपत्र मान लिया जाएगा।
मतदान केंद्र पर क्या लेकर न जाएं
मोबाइल, तंबाकू उत्पाद, अस्त्र-शस्त्र, माचिस, लाइटर।
दिक्कत हो तो क्या करें
बीएलओ भी अपने मतदान बूथ पर मौजूद रहेंगे। उन्हें अपनी समस्या बताएं। वे आपकी मदद करेंगे।
यहां कर सकते हैं शिकायत
- कंट्रोल रूम – 0522 2611117, 2611118, 2611119
- प्रेक्षक लीना जौहरी – 9651271446
- प्रेक्षक राज कुमार – 9651273141
मतदान: फैक्ट फाइल
- नगर निगम : 676 मतदान केंद्र के 2515 बूथों पर वोट डाले जाएंगे
- 10 नगर पंचायत : बीकेटी, महोना, इटौंजा, बंथरा, मोहनलालगंज, अमेठी, गोसाईंगंज, नगराम, काकोरी, मलिहाबाद में 94 मतदान केंद्रों के 214 बूथों पर वोट डाले जाएंगे
- 2017 की तुलना में 7.28 लाख वोटर अधिक हैं इस बार
- 14.60 लाख महिला मतदाता हैं इस बार
कहां कितने मतदाता
- स्थानीय निकाय कुल मतदाता पुरुष महिला
- सभी नगर निकाय 3115895 16,55,128 14,60,767
- नगर निगम 29,24,675 15,56,813 13,67,862
- नगर पंचायत 1,91,220 98,315 92,905
मतदान केंद्र के अंदर मोबाइल लेकर प्रवेश वर्जित
मतदान के समय मोबाइल अपने साथ लेकर न जाएं। जिला निर्वाचन कार्यालय के आदेश के मुताबिक मतदान केंद्र के अंदर मोबाइल पूरी तरह वर्जित रहेगा। सुरक्षाकर्मियों को मोबाइल मतदाता के पास मिलने पर परिसर से बाहर भी किया जा सकता है। ऐसे में जिला निर्वाचन कार्यालय ने सलाह दी है कि मोबाइल बाहर ही छोड़कर जाएं।
सुरक्षा और मतदान की गोपनीयता को सुनिश्चित करने के लिए मोबाइल को मतदान केंद्र के अंदर वर्जित किया गया है। राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर जिला प्रशासन और पुलिस भी इस आदेश को सुनिश्चित कराएंगे। डीएम सूर्यपाल गंगवार का कहना है कि मोबाइल अगर लेकर आ रहे हैं तो मतदान के समय इसे बाहर गाड़ी में या किसी परिचित के पास छोड़ दें। मतदान केंद्र में मोबाइल रखने की व्यवस्था नहीं की गई है। मतदान केंद्र के गेट पर ही सुरक्षाकर्मी मोबाइल अंदर लेकर जाने के लिए मना भी करेंगे। इसके बाद भी किसी के पास अंदर मोबाइल होना पाया गया तो उसे बाहर जाने के लिए कहा जा सकता है।
…लोग हैं कि मानते ही नहीं
आमतौर पर पिछले चुनावों में यह देखने में आया है कि लोग मोबाइल लेकर अंदर चले जाते हैं। कई बार साइलेंट करके मोबाइल को जेब में रख लिया जाता है। मतदाता यह सोचते हैं कि मोबाइल उपयोग नहीं करेंगे तो उनको कोई दिक्कत नहीं होगी। किसी तरह की चेकिंग का नियम भी मतदाताओं के लिए नहीं है। ऐसे में भी मोबाइल को लेकर सख्ती नहीं हो पाती है।
…मोबाइल की अनुमति पर किया जाए विचार
खुद अधिकारी भी मानते हैं कि चुनाव को लोग पर्व की तरह मानते हैं। ऐसे में पिंक बूथ, दिव्यांग बूथ, मॉडल बूथ भी बनाए जाते हैं। सेल्फी प्वाॅइंट भी मतदान केंद्रों पर बनने लगे हैं। लोग वोट डालने के बाद अपनी फोटो भी खींचकर संजोना चाहते हैं। ऐसे में आड़े आता है, मोबाइल को मतदान केंद्र के बाहर छोड़ने का नियम। लोग इसकी वजह से कई बार वोट बिना डाले भी वापस लौट जाते हैं। इससे मतदान अनुपात प्रभावित होता है। ऐसे में निर्वाचन आयोग को भी अपने नियम पर पुनर्विचार करना चाहिए।
निजी वाहनों पर रहेगी छूट
वोट डालने के लिए वोटर अपने निजी वाहन का उपयोग कर सकते हैं। निजी वाहनों को मतदान केंद्र के 200 मीटर के दायरे तक जाने की छूट होगी। इसके बाद वाहन को छोड़कर वोट देने जा सकते हैं। प्रत्याशी के वाहन का उपयोग वोट देने जाने के लिए न करें। ऐसा करते हुए पाए जाने पर आपको अमुक पार्टी का प्रचारक मानते हुए विधिक कार्यवाही की जा सकती है।