रायबरेली। जिले से होकर निकल रहे गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए किसानों से जमीन की खरीदने में ऊंचाहार तहसील प्रशासन ने बड़ी लापरवाही की है। बाईपास के लिए जिस जमीन का बैनामा एनएचएआई के नाम कराना था उस जमीन का बैनामा यूपीडा के नाम करा दिया गया। मामला पकड़ में आने के बाद 28 किसानों के बैंक खातों में लेनदेन पर रोक लगा दी गई है। उधर, किसानों ने भी मामला सुलझने तक वहां काम रोकवा दिया है।
ऊंचाहार तहसील क्षेत्र के जगतपुर कस्बा में बाईपास का काम भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) करा रहा है। लखनऊ-प्रयागराज हाईवे पर नवाबगंज के पास इशोर ड्रेन के पास से निकलकर बाईपास जिंगना गांव के पास दोबारा हाईवे में जुड़ रहा है। उधर एक्सप्रेस-वे का काम उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) से कराया जा रहा है। दोनों ही काम तेजी से चल रहे हैं। एक्सप्रेसवे को जमीन दिलाने के लिए प्रशासन ने यूपीडा को किसानों की जमीनों का बैनामा करवाया है। बदले में किसानों को यूपीडा से धनराशि मिल गई है।
जगतपुर ब्लॉक के जिंगना व रोझइया गोकुलपुर गांव के शिव सागर, विपिन, कालिका, अतुल कुमार, विमला, कालीदीन, सुशीला, रिंकू सहित 28 किसानों की जमीन यूपीडा के नाम बैनामा करा दी गई है। लेकिन यूपीडा को कराए गए बैनामे वाली जमीन पर एक्सप्रेस-वे का काम नहीं होना है। संबंधित जमीन पर लखनऊ-प्रयागराज हाइवे बाईपास का निर्माण कराया जाना है। मामला पकड़ में आने के बाद अफसरों में बेचैनी बढ़ गई है। एसडीएम ऊंचाहार ने संबंधित किसानों के बैंक खातों में लेनदेन पर रोक लगा दी है। उधर बैंक खातों पर रोक लगने के बाद किसानों ने बाईपास पर होने वाले काम को करने से मना कर दिया है। एनएचएआई और यूपीडा के बीच जमीन का लेनदेन साफ होने के बाद ही मामला सुलझेगा। इस मामले को लेकर तहसील ऊंचाहार में गहमागहमी है।
एसडीएम ऊंचाहार सिद्धार्थ कुमार ने बताया कि मामला संज्ञान में आने के बाद किसानों के बैंक खातों में लेनदेन पर रोक लगाई गई है। एनएचएआई और यूपीडा में जल्द ही सेटलमेंट होने के बाद खातों से रोक लगाई जाएगी। किसानों से जमीन का यूपीडा के नाम किसानों से बैनामा हो गया है।
एनएचएआई का गजट पहले, यूपीडा बाद में आई: इंजीनियर एनएचएआई के साइट इंजीनियर मनीष मिश्रा का कहना है कि बाईपास की जमीन के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का गजट 2017 में ही हो गया था। यूपीडा बाद में आई है। प्रक्रिया चल रही है। जल्द स्थिति साफ होने के बाद प्रशासन को बजट उपलब्ध कराया जाएगा।