इंद्रदेव रूठे : तीन माह में जिले में 654.90 मिमी. के सापेक्ष महज 253.80 मिमी. हुई बरसात
88,924 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर 4.75 लाख किसानों ने रोपी है धान की फसल
संवाद न्यूज एजेंसी
रायबरेली। इंद्रदेव रूठे हैं। जिले में सूखे के हालात दिखने लगे हैं। नहरों में भरपूर पानी नहीं आ रहा है। बिजली कटौती और लो वोल्टेज से नलकूप नहीं चल पा रहे हैं। ऐसे में धान की फसल सूख रही है। किसान फसल बचाने के लिए जद्दोजहद करने को मजबूर हैं। हालात यहीं रहे तो इस बार धान का न सिर्फ उत्पादन कम हो जाएगा, बल्कि किसानों को फसल की लागत निकालना भी मुश्किल हो जाएगा।
जिले में चार लाख 75 हजार किसानों ने इस बार 88,924 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर धान की फसल की रोपाई की है। धान की फसल की सिंचाई के लिए जिले में 374 सरकारी, जबकि निजी 21 हजार नलकूप हैं। 450 नहरें हैं। हालात ये हैं कि नहरों में भरपूर पानी नहीं है। ऐसे में हेड से टेल तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। देहात क्षेत्रों में आठ घंटे बिजली भी मिलना मुश्किल है। ऊपर से लोवोल्टेज रहती है।
ऐसे में नलकूप नहीं चल पा रहे हैं। धूप भी तल्ख हो रही है। ऐसे में धान की फसल सूख रही है। यही हाल रहा तो धान की पैदावार इस बार कम हो जाएगी। इंद्रदेव तो पूरी तरह से रुठे हुए हैं। जिला कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक एक जून से एक सितंबर तक जिले में औसतन 654.90 मिमी. बारिश होनी चाहिए थी। इसके सापेक्ष अब तक महज 253.80 मिमी. बारिश हुई है, जो बेहद कम है।
इनसेट
पैदावार कम होगी
फोटो संख्या 10
धान की फसल को बचाना चुनौती भरा साबित हो रहा है। बिजली कटौती और लो-वोल्टेज से नलकूप नहीं चल रहे हैं। इससे अधिक परेशानी हो रही है। यही हाल रहा तो इस बार धान की पैदावार कम हो जाएगी।
-शिव प्रकाश, किसान, खीरों
इनसेट
नहरों में भरपूर पानी नहीं
फोटो सख्या 11
एक तो बारिश नहीं हो रही है। दूसरी तरफ नहरों तक में भरपूर पानी नहीं छोड़ा जा रहा है। सिंचाई विभाग के अधिकारी नहरों में भरपूर पानी होने की बात कह रहे हैं। इससे धान की फसल सूख रही है।
-विनोद कुमार, किसान खीरों
इनसेट
बिजली समस्या सुधर जाए तो बने बात
फोटो संख्या 12
बिजली कटौती और लो-वोल्टेज एक बड़ी समस्या है। इस वजह से नलकूप नहीं चल पाते हैं। इससे धान की फसल की सिंचाई नहीं हो पा रही है। पावर कॉर्पोरेशन के अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा किसान भुगत रहे हैं।
-मन्नीलाल, किसान, खीरों
इनसेट
दर्द सुनने वाला कोई नहीं
फोटो संख्या 13
किसानों की हित की बात तो की जाती है, लेकिन उनका दर्द सुनने वाला कोई नहीं है। एक तो बारिश नहीं हो रही है, ऊपर से नहरों में भरपूर पानी नहीं है। बिजली कटौती की समस्या चली आ रही है। इससे धान की फसल सूख रही है।
-जितेंद्र यादव, खीरों
वर्जन
इस बार बारिश कम हुई है। इस वजह से धान की फसल की सिंचाई जल्दी करनी पड़ रही है। सिंचाई विभाग के जरिए नहरों में पानी पहुंचाया जा रहा है। सितंबर माह में बारिश होने की उम्मीद जताई जा रही है।
-अखिलेश पांंडेय, जिला कृषि अधिकारी
वर्जन
पड़ोसी जिलों की अपेक्षा रायबरेली जिले में नहरों में पानी की स्थिति ठीक है। नहरों में भरपूर पानी छोड़ा जा रहा है, ताकि किसानों को धान की फसल की सिंचाई करने में परेशानी न आए।
-हेमंत कुमार वर्मा, एक्सईएन, सिंचाई खंड दक्षिणी