संवाद न्यूज एजेंसी, लखनऊ
Updated Wed, 10 May 2023 12:10 AM IST
रायबरेली। बदायूं जिले में शादी का झांसा देकर महिला कर्मचारी के साथ यौन शोषण करने के मामले में गिरफ्तार उपायुक्त मनरेगा जीपी कुशवाहा को शासन ने निलंबित कर दिया है। उन्हें ग्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय से संबद्ध किया गया है। मामले में गिरफ्तारी के बाद उपायुक्त मनरेगा पिछले महीने जमानत पर रिहा हुए हैं।
बदायूं जिले के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के आवास विकास कॉलोनी निवासी महिला का आरोप है कि वह पंचायत विभाग बदायूं में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है। वर्ष 2012 में उपायुक्त मनरेगा बदायूं के सहसवान ब्लॉक में बीडीओ थे। उन्होंने शादी का झांसा देकर उसका यौन शोषण किया था। बाद में शादी से मुकर गए थे। बाद में उपायुक्त मनरेगा ट्रांसफर होकर रायबरेली आ गए थे। पीड़िता की तहरीर पर बदायूं के सिविल लाइंस थाने 17 जनवरी 2023 को उपायुक्त के खिलाफ शादी का झांसा देकर यौन शोषण करने और उनके दो साथियों पर जानमाल की धमकी देने का केस दर्ज हुआ था।
बीती 28 फरवरी को सिविल लाइंस थाने के अपराध निरीक्षक सहसवीर सिंह की टीम ने यहां पहुंकर उपायुक्त मनरेगा को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया था। पिछले महीने जमानत मिलने के बाद वह रिहा कर दिए गए थे। शासन ने मामले में गंभीर रुख अपनाते हुए उपायुक्त मनरेगा रहे जीपी कुशवाहा को निलंबित कर दिया है। उन्हें ग्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है।
उपायुक्त मनरेगा जीपी कुशवाहा की गिरफ्तारी के बाद से शासन से अब तक इस पद पर किसी अधिकारी को तैनात नहीं किया है। वर्तमान समय में उपायुक्त मनरेगा का अतिरिक्त काम डीआरडीए के परियोजना निदेशक राजेश कुमार मिश्रा देख रहे हैं। मनरेगा उपायुक्त की तैनाती न होने के कारण काम प्रभावित हो रहा है। अब निलंबन के बाद किसी अधिकारी की तैनाती होने की उम्मीद बढ़ गई है।