केसअलीगंज सेक्टर बी में शहरी सुविधा केंद्र व वरिष्ठ नागरिक सामुदायिक मनोरंजन केंद्र का निर्माण कार्य अभी महज पांच प्रतिशत हुआ है। ऐसे में एक महीना तो दूर की बात इस साल भी पूरे होने के आसार नहीं हैं। यह काम यूपी प्रोजेक्ट काॅरपोरेशन के पास है।
केस 2
जल निकासी को बेहतर करने के लिए मौजूद पम्पिंग स्टेशन की क्षमता बढ़ाने का काम होना है, लेकिन यह अभी महज पांच प्रतिशत ही हुआ है। यह एक साल में हो पाएगा इसके आसार कम ही हैं। यह काम नगर निगम के पास है।
केस 3
भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय का डिजिटाइजेशन का काम होना है। यह काम भी महज पांच प्रतिशत ही हो पाया है, जबकि प्रोजेक्ट पास हुए कई महीने हो गए। यह समय से पूरा हो पाएगा इसकी उम्मीद कम ही है। यह काम यूपीईसीएल के पास है।
माई सिटी रिपोर्टर
लखनऊ। स्मार्ट सिटी योजना में 300 करोड़ से अधिक के 28 प्रोजेक्ट अधूरे हैं, जिनमें से करीब 100 करोड़ के 10 से अधिक प्रोजेक्ट का 50 प्रतिशत से भी कम काम हुआ है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने स्मार्ट सिटी योजना के अधूरे प्रोजेक्टोंं को पूरा करने के लिए एक साल का समय बढ़ा दिया है। अब जून 2024 तक अधूरे प्रोजेक्ट पूरे किए जा सकेंगे। अभी जून 2023 तक का ही समय काम पूरे करने को लेकर था। एक साल का मौका इस शर्त के साथ दिया गया है कि प्रोजेक्ट पर आने वाला कोई अतिरिक्त बजट केंद्र सरकार नहीं देगी।
स्मार्ट सिटी योजना के कामों में यह सुस्ती तब है जबकि केंद्र सरकार ने करीब एक साल पहले यह आदेश जारी किया था कि जो भी काम हैं वो जून 2023 तक पूरे कर लिए जाएं। स्मार्ट सिटी योजना के कामों की धीमी रफ्तार को लेकर तीन महीने में लखनऊ स्मार्ट सिटी कंपनी के दो महाप्रबंधक बदले गए हैं और अब कमान स्मार्ट सिटी की कमान सेवानिवृत्त अधिशासी अभियंता एसके जैन को एक महीने पहले दी गई है। करीब दो साल पहले सेवा के दौरान जैन स्मार्ट सिटी कंपनी के महाप्रबंधक रह भी चुके हैं। काम में तेजी लाने को लेकर ही प्रशासन की ओर से उनकी तैनाती की गई है।
तालमेल की कमी से देरी
लोक निर्माण विभाग, जल निगम, नगर निगम, जलकल, बिजली, एलडीए, परिवहन, प्रोजेक्ट काॅरपोरेशन, राजकीय निर्माण निगम सहित कई और विभाग इसमें शामिल हैं। इनके बीच बेहतर तालमेल न होने के कारण प्रोजेक्ट लेट हो रहे हैं। स्मार्ट सिटी कंपनी की मुखिया और बोर्ड की अध्यक्ष मंडलायुक्त रोशन जैकब भी यह मामला उठा चुकी हैं। उसके बाद भी सुधार न होने से योजना के काम समय से पूरे नहीं हो सके।
प्रमुख कामों की जमीनी हकीकत
केडी सिंह बाबू स्टेडियम में खेल की अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए स्मार्ट सिटी से 25.04 करोड़ का बजट पास हुआ है। यह काम राजकीय निर्माण निगम के पास है। काम में लापरवाही हो रही है, जिससे अभी महज 20 प्रतिशत ही काम हो पाया है। जबकि छह महीने से अधिक का समय गुजर चुका है।
स्मार्ट सिटी योजना में अंदाज-ए-अवध हैरिटेज कॉरीडोर प्रोजेक्ट के लिए 37.98 करोड़ रुपये पास हुए। छह महीने से अधिक का समय गुजर चुका मगर अब भी महज 15 प्रतिशत ही काम हुआ है। यह काम एलडीए को करना है।
गोमती नगर स्थित जनेश्वर मिश्र पार्क में लेजर मल्टीमीडिया शो व अन्य कार्य के लिए स्मार्ट सिटी योजना से 18.50 करोड़ रुपये का बजट पास हुआ है। करीब छह महीने गुजर गए हैं, मगर अभी काम महज 30 प्रतिशत हुआ है। यह काम एलडीए को करना है।
अब समय पर होंगे काम
कुछ बिल्डिंग आदि के ऐसे प्रोजेक्ट हैं, जिनमें अधिक समय लगना है। ऐसे में वह इस साल जून तक नहीं पूरे हो सकते थे। इसके लिए केंद्र सरकार से समय बढ़ाने की मांग की गई थी। वहां से अब एक साल का और समय मिल गया है। जो प्रोजेक्ट अभी पूरे नहीं हुए हैं, वह नए हैं और पिछले चार से छह महीने में ही स्वीकृत हुए हैं। अब मोहलत मिल गई है तो सभी प्रोजेक्ट तय समय में पूरे कर लिए जाएंगे।
– पंकज सिंह, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्मार्ट सिटी