लखनऊ। हजरतगंज के मदन मोहन मालवीय रोड स्थित अवैध होटल लेवाना सुइट्स के लिए पांच सितंबर 2022 की सुबह मनहूस साबित हुई। इस दिन होटल में लगी आग में चार लोग (गुरुनूर आनंद, साहिबा कौर, बॉबी अमन गाजी एवं सरविका सिंह) जिंदा जल गए थे। इस हादसे को एक साल हो गए, मगर इन बेगुनाह लोगों की मौतें आज भी इंसाफ मांग रही हैं।
शासन अब तक दोषियों को कठोर दंड नहीं दे सका। एलडीए के स्वीकृत मानचित्र एवं अग्निशमन की एनओसी के बगैर चल रहे होटल को सरपरस्ती देने के आरोप में 19 लोगों पर शासन ने कार्रवाई करते हुए 15 अफसरों-इंजीनियरों को सिर्फ निलंबित किया, जिसमें चार सेवानिवृत्त-संविदा इंजीनियर व कर्मचारी शामिल थे। इस मामले की जांच सचिव आवास को सौंपी गई थी। सभी आरोपियों की सुनवाई पूरी हो चुकी है। निलंबित अफसरों एवं अभियंताओं पर जो आरोप लगाए गए थे, सुनवाई के दौरान उनके जवाब दे दिए हैं। आरोपियों के जवाब पर अब तक कोई निर्णय नहीं हो सका है।
किस अफसर, अभियंता पर क्यों हुई थी कार्रवाई
एलडीए :
दोष: स्वीकृत मानचित्र के बिना होटल का निर्माण कराने, आदेश के बाद भी ध्वस्तीकरण व कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति करना।
दोषी: एलडीए के विहित प्राधिकारी पीसीएस महेन्द्र कुमार मिश्रा, सहायक अभियंता राकेश मोहन, अवर अभियंता जितेन्द्र नाथ दुबे, रवीन्द्र कुमार श्रीवास्तव व जयवीर सिंह निलंबित। सेवानिवृत्त अधिशासी अभियंता अरुण कुमार सिंह, ओम प्रकाश मिश्रा, अवर अभियंता गणेशी दत्त सिंह संविदा मेट राम प्रताप को चार्जशीट।
लेसा :
दोष : होटल के स्वीकृत मानचित्र के बिना बिजली कनेक्शन देने की रिपोर्ट करना।
दोषी : सहायक अभियंता आशीष कुमार मिश्रा, अधिशासी अभियंता राजेश कुमार मिश्रा, जो पूर्व में क्रमश: अवर अभियंता व उपखंड अधिकारी थे।
विद्युत सुरक्षा निदेशालय :
दोष: सुरक्षा के मानक पूरे किए बिना ही बिजली कनेक्शन देने की एनओसी जारी करना।
दोषी: सहायक निदेशक विजय कुमार राव।
अग्निशमन विभाग :
दोष: होटल प्रबंधन के द्वारा अग्निशमन के मानक पूरे किए बिना ही एनओसी देना।
दोषी: तत्कालीन अग्निशमन अधिकारी सुशील यादव, अग्निशमन अधिकारी-द्वितीय योगेन्द्र प्रसाद, मुख्य अग्निशमन अधिकारी विजय कुमार सिंह, सेवानिवृत्त मुख्य अग्निशमन अधिकारी अभयभान पाण्डेय।
आबकारी विभाग :
दोष : बिना मानक पूरे किए बार लाइसेंस की संस्तुति।
दोषी: पूर्व जिला आबकारी अधिकारी संतोष कुमार तिवारी, पूर्व जिला निरीक्षण अमित कुमार श्रीवास्तव उप आबकारी आयुक्त जैनेंद्र उपाध्याय।
बिना काम के 75 फीसदी वेतन :
लेवाना कांड में निलंबित किए गए अफसर एवं अभियंता बिना काम के 75 फीसदी वेतन ले रहे हैं। जब इनकी बहाली होगी तो निलंबन अवधि का बाकी वेतन भी आसानी से ले लिया जाएगा।
होटल के ध्वस्तीकरण का आदेश ही ध्वस्त
एलडीए ने होटल लेवाना पर बुलडोजर चलाने के लिए ध्वस्तीकरण का जो आदेश जारी किया, वह भी ध्वस्त हो गया है। एलडीए के आदेश को लेकर होटल प्रबंधन ने शासन में अपील दायर की थी। शासन ने सुनवाई के बाद इस अपील को खारिज कर दिया। एलडीए ने अपील खारिज होने के बाद होटल को ध्वस्त करने के लिए पुलिस से फोर्स मांगी तो उसने जांच का पेच फंसाकर रोड़ा अटका दिया। इसी बीच प्रबंधन इसी प्रकरण को लेकर दोबारा न्यायालय चला गया। इससे एलडीए की कार्रवाई भी ठंडे बस्ते में चली गई।
चारबाग होटल अग्निकांड के दोषियों का बाल बांका नहीं
चारबाग के दो होटल एसएसजी इंटरनेशनल एवं विराट में 19 जून 2018 को भीषण आग लगी थी, जिसमें सात लोग जिंदा जल गए थे। इस मामले में तीन बार जांच हुई, जिसमें एलडीए सहित अन्य विभागों के 16 अधिकारी एवं अभियंता प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए थे। ऐसे सभी दोषियों को भी दंड देने की प्रक्रिया काफी पहले पूरी हो चुकी है। मगर, शासन स्तर पर यह मामला ठंडे बस्ते में है। हालांकि चारबाग होटल एवं लेवाना अग्निकांड मामले में एलडीए के दोषी अधिकतर एक ही हैं।