रायबरेली। आसमान से बरस रही आग से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जांच में चार बच्चे समेत सात मरीज एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के चपेट में आ गए हैं। इसके अलावा बुखार, उल्टी-दस्त और लू के चपेट में आने के बाद 12 बच्चों समेत 22 लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। चार नवजात भी इलाज के लिए भर्ती कराए गए हैं। जिला अस्पताल के सभी वार्ड फुल हो गए हैं। ओपीडी में भी मरीजों की संख्या में इजाफा हो गया है।

कई दिनों से पारा आसमान छू रहा है। ऐसे में आकाश से आग बरस रही है। सुबह से ही गर्म हवा और धूप की वजह से लोग बेहाल हो गए हैं। एईएस के चपेट में भी सात मरीज आ गए हैं। सत्य नगर निवासी अरुण कुमार , हरचंदपर क्षेत्र के गजरजखेड़ा निवासी कृष्ण प्रताप सिंह (18), बछरावां के कुर्री सुदौली निवासी रामकांत रावत, महराजगंज के पिंडारी खुर्द निवासी मनीष कुमार, ऊंचाहार के पूरे निधान निवासी सरवन कुमार, लालगंज के खजूरगांव निवासी अंशी, सरेनी के शीतलखेड़ा निवासी अर्जुन का एईएस के चपेट में आने के बाद इलाज हो रहा है। जांच रिपोर्ट आने के बाद मलेरिया निरीक्षक आतिफ खान की टीम ने मरीजों के घर पहुंचकर दवा के छिड़काव साथ लोगों की सेहत जांची।

जिला अस्पताल में सोमवार को लू, बुखार, उल्टी-दस्त के चपेट में आने के बाद पीहू , प्रीती, उजैहा, महिमा, दिव्यांशी, आरुष, संध्या, सुमन, सिखा , अंकिता, रिचा, आरिफ, वैष्ण्वी, अनीता सहित 22 मरीजों को भर्ती कराया गया है। इसके अलावा संजना देवी, प्रीती, पुष्पा आदि महिलाओं के नवजातों को भी हालत खराब होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मरीजोंं का इलाज किया जा रहा है।

जिले में लू का कहर बढ़ने के बाद जिला अस्पताल में चपेट में आने वाले मरीजों के इलाज के लिए हीट स्ट्रोक वार्ड बना दिया गया है। ओपीडी में भी मरीजों की संख्या 2000 के पार पहुंच गई है। परचा, दवा काउंटरों के साथ ही पैथोलाॅजी और ओपीडी कक्षों के बाहर मरीज पसीना-पसीना नजर आए। इलाज के दौरान मरीज गर्मी से बेहाल रहे। अस्पताल में लगे पंखे भी काम नहीं आए। वार्डों में भी पंखे चलने के बाद भी मरीज गर्मी से बेहाल रहे। सीएमएस डॉ. महेंद्र मौर्या का कहना है कि सीजन के कारण मरीजों की संख्या बढ़ी है। दवा के साथ ही इलाज से संबंधित पर्याप्त बंदोबस्त किए गए हैं।

जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डीएस अस्थाना का कहना है कि तेज धूप लगने पर शरीर में पानी की कमी होने लगती है। प्यास बहुत लगती है। सिर दर्द शुरू हो जाता है। उल्टी, चक्कर आना, बुखार व पसीना अधिक आना इसके लक्षण हैं। कई लोग गर्मी की वजह से बेहोश हो जाते हैं। लगातार या अधिक देर तक लू में रहने पर शरीर से पसीना आना बिल्कुल बंद हो जाता है। यह खतरे की घंटी है। यदि पसीना आना बंद हो जाए, तो समझ लें यह हीट स्ट्रोक का लक्षण है। यह जानलेवा साबित हो सकता है। लू लगने पर तुरंत अस्पताल जाना चाहिए।



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