सुल्तानपुर। सड़क दुर्घटना में छात्रा की मौत के बाद प्रदर्शन करने के मामले में बृहस्पतिवार को कादीपुर के पूर्व सपा विधायक रामचंदर चौधरी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष अभिषेक सिंह राणा और आठ अन्य आरोपियों ने केस समाप्त करने के लिए दोबारा अर्जी दी है। इसी मामले में एक आरोपी के खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट को कोर्ट ने निरस्त कर दिया है। एमपी-एमएलए की विशेष अदालत की एडीजे एकता वर्मा ने अर्जी पर सुनवाई के लिए 29 सितंबर की तिथि नियत की है।

कादीपुर के संत तुलसीदास डिग्री कॉलेज के पास 17 दिसंबर 2002 को छात्रा पूनम श्रीवास्तव की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। इससे नाराज लोगों ने सड़क जामकर प्रदर्शन किया था। आरोप है कि लोगों ने कोतवाली पर पथराव भी किया था। कई पुलिस कर्मियों को चोट आई थी।

तत्कालीन कोतवाल शिवराज सिंह ने कादीपुर के पूर्व सपा विधायक रामचंदर चौधरी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष अभिषेक सिंह राणा समेत 14 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। शासन ने इस मुकदमे को वापस लेने का निर्णय लिया था। इसके लिए अभियोजन अधिकारी की ओर से अर्जी दी गई थी।

24 मार्च 2023 को कोर्ट ने मुकदमा वापस लेने के लिए दी गई अर्जी खारिज कर दी थी। इसे पूर्व विधायक व अन्य आरोपियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने बुधवार को ट्रायल कोर्ट के अर्जी खारिज करने के आदेश को रद्द कर दिया था।

बृहस्पतिवार को पूर्व सपा विधायक रामचंदर चौधरी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष अभिषेक सिंह राणा व आठ अन्य आरोपियों की ओर से अधिवक्ता अरविंद सिंह राजा ने हाईकोर्ट के आदेश की प्रति के साथ दोबारा अर्जी देकर केस समाप्त करने की मांग की है। इस पर 29 सितंबर को सुनवाई होगी।

उधर, इसी मामले में आरोपी हरि सहाय मिश्र के अधिवक्ता रवि शुक्ल की ओर से गैर जमानती वारंट निरस्त करने के लिए दी गई अर्जी कोर्ट ने स्वीकार कर वारंंट निरस्त कर दिया है।



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