रायबरेली। पिछले साल मॉडल बनाने के लिए चुने गए 92 गांवों में बजट खर्च नहीं हो पा रहा है। 15 करोड़ से अधिक धनराशि डंप मिलने पर शनिवार को डीपीआरओ ने 29 पंचायत सचिवों का अग्रिम आदेशों तक वेतन रोक दिया। साथ ही एडीओ को तत्काल गांवों में शत प्रतिशत काम पूरा कराकर गांवों को मॉडल बनाने के आदेश दिए। डीपीआरओ गिरीशचंद्र ने शनिवार को कार्यालय में एडीओ पंचायत के साथ बैठक की। पहले चरण में चुने गए 92 गांवों को विकास कार्यों के लिए 34 करोड़ रुपये दिए गए थे। ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन का काम गांवों में कराया जाना था, लेकिन पंचायत सचिवों की मनमानी के कारण गांवों में 15 करोड़ से अधिक की धनराशि अब तक खर्च नहीं हो सकी है। इससे शासन की मंशा पूरी नहीं हो पा रही है। डीपीआरओ ने नए चयनित गांवों की शत प्रतिशत कार्ययोजना उपलब्ध कराने के आदेश दिए। इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही बरतने पर संबंधित सचिव और एडीओ जिम्मेदार होंगे।

डीह ब्लॉक के पंचायत सचिव शिशिर सिंह, गौरा ब्लॉक के सचिव राम बरन यादव, सतांव ब्लॉक के सचिव संतशरण, हैदर, श्रुति श्रीवास्तव, शैलेंद्र कुमार वर्मा, ओम प्रकाश, वीरेंद्र पाल यादव, शिवगढ़ के सचिव हेमंत कुमार, हरचंदपुर ब्लॉक के सचिव विवेक सिंह, सोमेंद्र प्रताप सिंह, विवेक कुमार, रोहनियां के सचिव सुबोध कुमार मौर्या, जगतपुर के सचिव नित्यानंद राय, खीरों के सचिव दिनेश बहादुर, अरविंद कुमार, लालगंज के सचिव शीवेंद्र सिंह, शशांक गौतम, राही के सचिव विजय प्रताप भारती, आलोक रंजन, शैल पाल, रणवीर सिंह, महराजगंज के सचिव मनोज कुमार, सलोन के सचिव अतुल, ऊंचाहार के सचिव सूर्यकुमार, अभिषेक शुक्ला, बीरेंद्र यादव, मो. ईशा और संजय साहू का वेतन रोका गया है।



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