
रायबरेली में शुक्रवार को जिला अस्पताल में एचआईवी संक्रमितों के रक्त की जांच के लिए सीडी-4 मशीन
रायबरेली। जिला अस्पताल के एंटी रेट्रो वायरल थेरेपी (एआरटी) सेंटर में इलाज करा रहे एचआईवी संक्रमितों को बड़ी राहत मिल गई है। संक्रमितों की जांच के लिए अब केजीएमयू लखनऊ नहीं जाना पड़ेगा। शुक्रवार को सीएमएस महेंद्र मौर्या ने सेंटर में सीडी-4 मशीन का उद्घाटन करके जांच शुरू करा दी।
उन्होंने कहा कि एचआईवी संक्रमित मरीजों को दी जाने वालीं औषधियों की प्रभावशीलता की जांच अब जिले स्तर पर हो सकेगी। इससे मरीजों के इलाज में सहूलियत मिलेगी। अब तक लखनऊ से जांच रिपोर्ट आने का इंतजार करना पड़ता था।सीएमएस ने कहा कि शरीर के अंदर सीडी-4 नाम की रक्त कोशिकाएं काम करती हैं। यह कोशिकाएं शरीर में घूमती हैं और बैक्टीरिया, वायरस व अन्य रोगाणुओं को नष्ट करती हैं। खासकर एचआईवी संक्रमित मरीजों में इन्हीं कोशिकाओं को सक्रिय करने के लिए इलाज किया जाता है। इन कोशिकाओं के सक्रिय होने की वजह से शरीर में एचआईवी के संक्रमण को कम किया जा सकता है। इस जांच की सुविधा मिलने के बाद मरीजों में सीडी-4 कोशिकाओं की जांच आसानी से हो सकती है।
एआरटी के नोडल अधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार ने बताया कि जिले में वर्तमान में 1,010 मरीज चिकित्सा सुविधा का लाभ ले रहे है। अब सीडी-4 की जांच उपलब्ध होने से उन्हें त्वरित लाभ मिल सकेगा। मशीन को संचालित करने वाले प्रयोगशाला विशेषज्ञ भूपेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि इससे पूर्व एचआईवी संक्रमितों के ब्लड का नमूना लखनऊ ले जाकर जांच कराना पड़ता था। वरिष्ठ रेडियोलॉजिस्ट डॉ. अल्ताफ हुसैन, मैट्रन अर्चना पांडेय, क्वालिटी मैनेजर डॉ. बीआर यादव, परामर्शदाता अमित दुबे, डाटा मैनेजर हिमाचल सिंह, फार्मासिस्ट प्रियंका गुप्ता, विजय मौर्य उपस्थित रहे।