Madrassa students were discriminated against in Kanpur Central based on their attire

Madrassa students
– फोटो : अमर उजाला

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कानपुर सेंट्रल में आरपीएफ द्वारा 14 मदरसा बच्चों को पकड़कर कर बाल सुधार भेजने में अधिकारियों और कर्मचारियों की गंभीर भूमिका सामने आई है। राज्य अल्पसंख्यक आयोग में इस मामले की सुनवाई के बाद उनके इस कृत्य को भेदभावपूर्ण माना गया है। 

टोपी-पाजामा में बच्चों को देखकर ये कार्रवाई की गई। आयोग ने दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की संस्तुति की है। आयोग ने रेलवे सुरक्षा बल नार्थ सेंट्रल रेलवे के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त (प्रयागराज डिवीजन) को कार्रवाई कर सूचना देने के निर्देश दिए हैं।

घाटमपुर के मदरसा इस्लामिया के प्रधानाचार्य ने उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग में इस मामले की शिकायत की थी। उनके मुताबिक घाटमपुर के मदरसे में पढ़ने वाले 14 बच्चे ईद की छुट्टी में अपने घर बिहार गए थे। 24 अप्रैल को सभी बच्चे वापस मदरसा जाने के लिए कानपुर सेंट्रल पर उतरे। 

सभी के पास वैध टिकट, पहचानपत्र आदि जरूरी दस्तावेज थे। प्रिंसिपल ने कहा कि स्टेशन पर रेलले सुरक्षा बल के उप निरीक्षक अमित द्विवेदी व अन्य सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें रोक लिया। मदरसा प्रशासन द्वारा सारे दस्तावेज दिखाने के बावजूद बच्चों की मुस्लिम वेशभूषा देखकर दोपहर से रात 11 बजे तक भूखा-प्यासा रोके रखा।

 



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