main accused of human trafficking in Lucknow is still absconding and child is also missing

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– फोटो : iStock

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राजधानी लखनऊ में मानव तस्करी का मुख्य आरोपी आलमबाग निवासी सुनील मलिक एक माह बाद भी पुलिस के हाथ नहीं लगा। खास बात ये है कि सुनील के पास एक बच्चा भी था, जो अभी तक बरामद नहीं किया जा सका।

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कानपुर की गोविंदनगर पुलिस और आलमबाग पुलिस ने आरोपी की तलाश में दबिश भी दी, लेकिन उसे पकड़ने में नाकाम रहीं। सुनील ने 60 हजार रुपये में दो बच्चों को खरीदा था। छानबीन में पता चला कि एक बच्चे को उसने कानपुर में अपने कारोबारी दामाद गोविंदनगर के बी-ब्लॉक निवासी अंकित आनंद के पास भेज दिया था। 

अंकित बच्चे को बंधक बनाकर शौचालय साफ करवाता था। मारपीट भी की जाती थी। बच्चे ने पिता को फोन कर इसकी सूचना दी थी। गुरुग्राम से श्री भगवान नामक व्यक्ति ने कानपुर पुलिस से बेटे को बचाने की गुहार लगाई थी। पुलिस ने 12 साल के बच्चे को बरामद कर अंकित को गिरफ्तार किया था।

छापा मारा, लेकिन सुनील का सुराग नहीं मिला

पुलिस के आने से पहले ही भाग निकला आरोपी : कानपुर पुलिस ने 12 दिसंबर को आरोपी सुनील के आलमबाग स्थित घर पर दबिश दी थी। पुलिस के पहुंचने से पहले ही सुनील बच्चे को लेकर भाग निकला था। उसका फोन भी बंद है। पुलिस ने करीब आठ संभावित ठिकानों पर छापा मारा, लेकिन सुनील का सुराग नहीं मिला। 

बच्चों को 60 हजार रुपये में खरीदा था

सुनील ने गुरुग्राम निवासी दलाल पप्पू यादव के जरिए बिहार के पूर्वी चंपारण जिले से श्रीभगवान महतो उर्फ रामू से 12 व 8 साल के बच्चों को 60 हजार रुपये में खरीदा था। माना जा रहा है कि इसके पहले भी कई बच्चों की तस्करी की गई है। सुनील के गिरफ्तार होने के बाद ही पूरा मामला स्पष्ट होगा।



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