
सायरन बजते ही लोग खुले मैदान की तरफ भागने लगे। हाथों पर कान रखकर लोग जमीन पर लेट गए। हवाई हमले में हुए चोटिल लोगों को एंबुलेंस से एनसीसी कैडेट्स और पूर्व सैनिकों ने अस्पताल भिजवाया। यह नजारा मंगलवार दोपहर शहर के जीआईसी में आयोजित मॉक ड्रिल में देखने को मिला।
भारतीय सेना के सिंदूर ऑपरेशन के बाद अब पाकिस्तान की प्रतिक्रिया के अंदेशे को लेकर देश सतर्क है। गृह मंत्रालय के निर्देशों पर सभी जिलों में हवाई हमले की चेतावनी वाले मॉक ड्रिल कराए जा रहे हैं। इसके तहत शहर में भी बुधवार दोपहर 01:01 मिनट पर जीआईसी में मॉक ड्रिल शुरू कराई गई। मैदान में अचानक सायरन सुनाई देने लगा। ड्रिल में शामिल एनसीसी कैडेट्स, शिक्षक-शिक्षिकाएं, पूर्व सैनिक मैदान में दौड़ने लगे।
सभी कानों पर हाथ रखकर जमीन पर लेट गए। लगभग तीन मिनट बाद हमले में घायल लोगों को कैडेट्स, एंबुलेंस परिचालक, पूर्व सैनिकों ने अस्पताल भेजना शुरू किया। सात एंबुलेंस से घायलों को अस्पताल भेजा गया। लगभग 15 मिनट तक चली ड्रिल जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी के समन्वय से कराई गई। इसमें लगभग 70 लोग शामिल हुए। इस मौके पर एसपी क्राइम सुबोध गौतम, सिटी मजिस्ट्रेट दिग्विजय सिंह, सीओ रामगोपाल शर्मा, जसवंतनगर व यातायात सीओ आयुषी सिंह, डीआईओएस मनोज कुमार व सिविल लाइन प्रभारी निरीक्षक विक्रम सिंह मौजूद रहे।