
Mukhtar Ansari Death
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
मुख्तार ने जिंदगी के आखिरी कुछ दिनों में जेल की तन्हाई के अलावा जेल प्रशासन और मेडिकल कॉलेज की दुश्वारियां भी झेली। आजीवन कारावास की हुईं दो सजाओं ने मुख्तार की रिहाई की सारी उम्मीदें धराशायी कर दी थी। इससे वह शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर होता जा रहा था। इस कारण उसने मान लिया था कि अब वह ज्यादा दिन जिंदा नहीं रहेगा।
इसका जिक्र उसने परिवार के लोगों से बातचीत में भी किया। फिर भी किसी को यकीन नहीं था, पूर्वांचल का डॉन शिकवा-शिकायत करते-करते दुनिया से रुखसत हो जाएगा। मुख्तार की मौत ने जेल और मेडिकल कॉलेज प्रशासन के लिए सवालों की लंबी फेहरिस्त तैयार कर दी है। जिनके जवाब न्यायिक और मजिस्ट्रेटी जांच समिति के सदस्य जिम्मेदारों से पूछ सकते हैं।
देखया यह है कि दोनों समितियां जेल व मेडिकल कॉलेज के जिम्मेदारों से क्या सवाल करतीं हैं। जिम्मेदार अपना क्या पक्ष रखते हैं। कितने दिनों में जांच पूरी होगी, कोई दोषी पाया जाएगा कि नहीं। फिलहाल इन सवालों के जवाब तो आने वाला वक्त ही बताएगा। माना जा रहा कि मुख्तार के अंतिम संस्कार के बाद से ही जांच समितियां अपनी कार्रवाई शुरू करेंगी।